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जेएनयू में छात्रों के आगे झुकी सरकार, एचआरडी मंत्रालय ने बढ़ी हुई फीस ली वापस

जेएनयू में छात्रों के आगे झुकी सरकार, एचआरडी मंत्रालय ने बढ़ी हुई फीस ली वापस

Updated on: 13 Nov 2019, 05:03 PM

नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार झुक गई है. जेएनयू के छात्रों के प्रदर्शन ने सरकार को अपना फैसला वापस लेने पर मजबूर कर दिया. मोदी सरकार ने आखिरकार बढ़ी हुई हॉस्टल फीस वापस ले ली है. साथ ही गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक योजना प्रस्तावित की गई है. इसकी जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालयल के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर दी गई.

आपको बता दें कि इसके पहले सोमवार को राजधानी दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों ने फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ हंगामा कर दिया था. जेएनयू के छात्र निकट प्रशासन की छात्र विरोधी नीति के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन पर निकले इस बीच दिल्ली पुलिस के जवानों ने छात्रों को रोकने की कोशिश की जिसके बाद छात्रों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ था. आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस दौरान दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआसीटी के रास्तों को बंद कर दिया गया था और सोमवार की सुबह से शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसर के बाहर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.

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सोमवार को दिल्ली पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में ले लिया था. ये प्रदर्शनकारी छात्र हाथों में 'दिल्ली पुलिस वापस जाओ' की तख्तियां लेकर नारे लगा रहे थे और जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को चोर बता रहे थे. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कार्यक्रम स्थल पर ही फंसे हुए थे. एक अधिकारी ने बताया कि 'JNU अध्यक्ष आइशी घोष और उपाध्यक्ष साकेत मून को एचआरडी मंत्री को बाहर जाने के लिए रास्ता देने की बात कही गई लेकिन छात्रों ने उनकी मांग से इनकार कर दिया.'

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जेएनयू के पदाधिकारियों ने पोखरियाल से मुलाकात की है और उन्होंने छात्रों की मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया था. बहरहाल प्रदर्शनकारी छात्र सोमवार को कुलपति से मुलाकात नहीं कर पाए थे वो वो लगातार नारेबाजी करते रहे कि 'हमें कुलपति से मिलना है' घोष ने कहा कि हमारे लिए ये भी ऐतिहासिक दिन है. एचआरडी ने वादा किया कि छात्र संघ को बैठक के लिए मंत्रालय बुलाया जाएगा. छात्र कुलपति से मिलना चाहते थे और वो लगाकात र ये मांग कर रहे थे कि छात्रावास का मसौदा मैनुअल को वापस लिया जाए जिसमें उनके मुताबिक फीसवृद्धि कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी बंदिशों को प्रावधान है.