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दिल्ली हिंसा पीड़ितों को आश्रय देने को लेकर जेएनयू प्रशासन की छात्रसंघ को चेतावनी

विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करते हुए पाए जाने पर अनुशासनात्मक चेतावनी भी दी है.

Updated on: 29 Feb 2020, 06:36 PM

highlights

  • जेएनयू छात्रसंघ ने यूनिवर्सिटी परिसर दिल्ली हिंसा शरणार्थियों के लिए खोला.
  • इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी की अनुशासनात्मक चेतावनी.
  • जेएनयू परिसर को शरणस्थल बनाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (JNUSU) द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के अंदर दिल्ली दंगा (Delhi Violence) पीड़ितों को आश्रय देने के लिए बुलाए जाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूनियन को ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी (Warning) जारी की है. इस कदम ने अब छात्रसंघ और प्रशासन के बीच चल रही खींचतान को एक और नया मोड़ दिया है. विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि आपके पास जेएनयू परिसर को शरणस्थल (Shelter Home) बनाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

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अनुशासनात्मक चेतावनी भी जारी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करते हुए पाए जाने पर अनुशासनात्मक चेतावनी भी दी है. नोटिस में कहा गया, 'आपको ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ कड़ाई से सलाह दी जाती है, जिसमें विफल रहने पर आपके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. आपको यह भी सलाह दी जाती है कि जेएनयू जैसे शैक्षणिक संस्थान को अध्ययन और शोध के लिए एक अनुकूल स्थान बनाए रखने की जरूरत को बरकरार रखें.'

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छात्रसंघ ने जेएनयू शरण के लिए खुले होने के पोस्टर लगाए
बुधवार को छात्रसंघ ने सोशल मीडिया पर पोस्टर साझा करते हुए ऐलान किया कि 'जेएनयू शरण लेने के लिए खुला है' और ऐसा कहते हुए उन्होंने परिसर के अंदर दिल्ली हिंसा पीड़ितों को आश्रय लेने के लिए बुलाया. हालांकि प्रशासन के उक्त नोटिस से छात्रसंघ नाराज हो गए हैं और बदले में उन्होंने दावा किया है कि जेएनयू हिंसा पीड़ितों के लिए खुला रहेगा.