आरटीआई संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया. इसके बाद PMO राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह से RTI की स्वायत्तता से समझौता नहीं करता है. इस तरह की कोई भी धारणा गलत या प्रेरित है. यह सत्य है कि विधेयक एक सक्षम कानून है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा कुछ बिंदुओं को छोड़ दिया गया था. नियमों को फ्रेम करने का कोई प्रावधान नहीं था. इसके लिए एक संशोधन आवश्यक था. इसलिए संशोधन को धारा 27 में लाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें - विपक्ष के विरोध के बीच आरटीआई संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित, RTI में जानें क्या बदलेगा
जहां तक कनेक्शन बी/डब्ल्यू स्वायत्तता और आरटीआई अधिनियम की स्वतंत्रता का संबंध है, यह सेक्शन 12 (3) से संबंधित है. इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संशोधन 27 सेक्शन में किया गया था, ताकि सरकार नियमों को लागू करने के लिए अधिकृत हो जाए. सूचना आयुक्तों के कार्यकाल और उनके कार्यालय की शर्तों और शर्तों को पूरा करने के लिए धारा 13 और 16 में संशोधन किया जा रहा है. यह विधेयक आरटीआई अधिनियम को सुव्यवस्थित और संस्थागत बनाने के लिए है.
यह भी पढ़ें - आरटीआई से खुलासा: शिकारियों ने 139 काले हिरणों को मार डाला
लोकसभा में सोमवार को सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 पारित हो गया. मोदी सरकार ने बीते शुक्रवार को संसोधन विधेयक निम्न सदन में पेश किया था. संशोधन विधेयक में केंद्र सरकार को कई शक्ति देता है. जिसमें केंद्र एवं राज्य स्तर पर सूचना आयुक्तों के वेतन एवं सेवा शर्तों का निर्धारण करना शामिल है. वहीं, इस प्रस्तावित संशोधन का विरोधी दल विरोध कर रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार का इस संशोधन के जरिए इस कानून को कमजोर बना रही है.
HIGHLIGHTS
- आरटीआई संसोधन विधेयक लोकसभा में पारित
- जितेंद्र सिंह बोले- यह आरटीआई के स्वयतत्ता से समझौता नहीं करता
- यूपीए सरकार कुछ बिंदुओं को छोड़ दिया था