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झारखंड: जेपीएससी परीक्षा में लगातार क्रमांक वाले तीन दर्जन अभ्यर्थियों के पास होने पर बवाल, रांची में छात्रों का प्रदर्शन

झारखंड: जेपीएससी परीक्षा में लगातार क्रमांक वाले तीन दर्जन अभ्यर्थियों के पास होने पर बवाल, रांची में छात्रों का प्रदर्शन

Updated on: 16 Nov 2021, 08:35 PM

रांची:

झारखंड लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद गहरा गया है। मंगलवार को रांची में राज्य के विभिन्न जिलों से जुटे सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए जेपीएससी कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने दो बार खदेड़ा, लेकिन वे वापस जेपीएससी मुख्यालय पहुंच गये। इस प्रदर्शन के कारण मोरहाबादी मैदान से लेकर जेपीएसपी मुख्यालय तक लगभग पूरे दिन अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। बाद में अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल की जेपीएससी अधिकारियों से मुलाकात करायी गयी। अभ्यर्थियों ने उनके समक्ष अपनी मांगें रखते हुए परीक्षा को रद्द करने की मांग की।

बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग ने 7वीं से 10वीं सिविल सेवा के लिए संयुक्त रूप से पिछले महीने प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की थी। विगत एक नवंबर को इसका रिजल्ट घोषित किया गया। इस परीक्षा परिणाम में तीन दर्जन से भी ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके रोल लगातार समान सिरीज में हैं। लोहरदगा, साहिबगंज और लातेहार के कुछ परीक्षा केंद्रों पर एक कमरे में परीक्षा देने वाले लगातार क्रमांक वाले अभ्यर्थियों की सफलता पर सवाल उठ रहा है। नाराज अभ्यर्थियों का कहना है कि यह कैसे संभव है कि इतने सारे मेधावी एक साथ एक ही कमरे में परीक्षा दे रहे थे। हालांकि जेपीएससी का कहना है कि यह महज संयोग हो सकता है। देश में आयोजित होनेवाली कई प्रतियोगी परीक्षा में रिजल्ट का ऐसा ट्रेंड दिखता रहा है।

मंगलवार को जेपीएससी मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन करनेवाले अभ्यर्थी भाई-भतीजावाद बंद करो.. सीट बेचना बंद करो.. जब-जब छात्र जागा है, सत्ता का सिंहासन डोला है.. जैसे नारे लगा रहे थे। उन्होंने रिजल्ट जारी होने के पंद्रह दिन बाद भी कट ऑफ जारी नहीं करने पर सवाल उठाया। अभ्यर्थियों ने परीक्षा में आउट ऑफ सिलेबस सवाल पूछे जाने और आरक्षण नियमों का पालन नहीं किये जाने का भी आरोप लगाया।

बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग अपनी स्थापना के प्रारंभिक काल से ही लगातार विवादों में रहा है। स्थापना के 20 सालों के दौरान आयोग सिविल सेवा की केवल छह परीक्षाएं ले पाया और इन सभी के रिजल्ट पर विवाद रहा है। दो सिविल सेवा परीक्षाओं में गड़बड़ियों की तो सीबीआई जांच भी चल रही है। अब सातवीं से दसवीं सिविल सेवा के लिए ली गयी परीक्षा भी विवादों में फंस गयी है।

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