झारखंड में कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में बेहतर काम के लिए प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) के बंटवारे पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। सबसे पहले निर्दलीय विधायक सरयू राय ने प्रोत्साहन राशि के बंटवारे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कई दस्तावेज पेश किये और इसमें सीधे-सीधे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भागीदार बताया। इसके बाद भाजपा भी सरकार पर हमलावर हो गयी। इस बीच शुक्रवार शाम को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि कोविड काल में बेहतर काम के एवज में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को एक महीने का अतरिक्त वेतन देने का निर्णय विभाग ने नियमसम्मत तरीके से लिया था, लेकिन अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ है।
विधायक सरयू राय ने प्रोत्साहन राशि के भुगतान से जुड़े मुद्दे को लेकर दो दिन पहले सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य मंत्री ने नियम विरुद्ध आदेश देते हुए कोविड प्रोत्साहन राशि के नाम पर लाखों रुपये की निकासी की है। बकौल सरयू राय, मंत्री ने खुद अपने विभाग से गलत तरीके से एक महीने का अतिरिक्त वेतन लिया और अपने नजदीकी 59 लोगों के बीच भी प्रोत्साहन राशि का बंटवारा किया। सीएम को लिखे पत्र में कहा गया था इस मद में इसमें लगभग एक करोड़ रुपये की राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया गया है।
राय ने पत्र में सरकार के निर्णय से जुड़े पत्र का हवाला देते हुए कहा कि कोविड काल में बेहतर काम के लिए कांटैंक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग, अस्पताल, कोविड वार्ड, कंट्रोल रूम में कार्यरत चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों को एक माह का वेतन या मानदेय दिये जाने का प्रावधान था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित कमेटी ने इसके लिए 94 लोगों को योग्य पाया था। स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग(दफ्तर) से 60 लोगों के नाम जोड़े गये। इसमें खुद स्वास्थ्य मंत्री का नाम सबसे ऊपर था। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा और अन्य कार्यों में लगे 34 सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। मंत्री के कार्यालय द्वारा जोड़े गये नाम में दो आप्त सचिवों के साथ लिपिक, सहायक, आदेश पाल, वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर और सफाईकर्मी भी शामिल थे। सरयू राय ने दस्तावेजों के हवाले से इसे सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी की मांग की। इस पत्र के सार्वजनिक होते ही बीजेपी ने भीसरकार की घेराबंदी शुरू कर दी। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई की मांग की।
इधर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इन आरोपों पर शुक्रवार को सफाई दी। कहा कि सरयू राय आधे-अधूरे दस्तावेज पेश कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने और उनके दफ्तर (मंत्री कोषांग) के किसी कर्मी ने अब तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं लिया है। विभागीय संकल्प के तहत यह निर्णय जरूर हुआ था, लेकिन उन्होंने अब इसे रद्द करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान जान की परवाह किये बगैर दिन-रात काम करने के बदले प्रोत्साहन राशि के रूप में एक माह का अतिरिक्त वेतन-मानदेय देने का निर्णय सरकारी संकल्प के तहत लिया गया था। नियमों के मुताबिक ही मेरा और मेरे दफ्तर के कर्मियों का नाम उस सूची में शामिल किया था। उन्होंने सरयू राय को चुनौती दी कि वे यह साबित करें कि मंत्री कोषांग के लोगों को कब-कैसे-किस खाते में पैसा मिला। सच तो यह है कि सरयू राय ने उनपर आरोप लगाते हुए विभागीय प्रक्रिया के तहत लिये गये निर्णय को छिपा दिया। बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर सर्विस सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।
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Source : IANS