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झारखंड में भूख से हुई एक और मौत, प्रशासन ने मानने से किया इंकार

रिक्शा चालक की मौत की सूचना पर झारखंड प्रशासन ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत परिवार को 20,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

Updated on: 22 Oct 2017, 09:20 PM

highlights

  • धनबाद जिले के झरिया में कई दिनों से भूखे होने के कारण रिक्शा चालक की मौत
  • झारखंड प्रशासन ने परिवार को 20,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है

नई दिल्ली:

झारखंड के धनबाद जिले के झरिया में कई दिनों से भूखे होने के कारण एक रिक्शा चालक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 43 वर्षीय बैद्यनाथ दास के घर अन्न का एक भी दाना नहीं होने से वह काफी बीमार हो चुका था।

हाल ही में राज्य के सिमडेगा जिले में भूख से हुई एक 11 साल की बच्ची की मौत का मामला खत्म नहीं हुआ था, कि धनबाद के झरिया में रिक्शा चालक की मौत फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

परिवार वालों का कहना है कि उसकी मौत भूख के कारण हुई है, वहीं जिला अस्पताल प्रशासन ने इस बात से इंकार किया है।

धनबाद जिला प्रशासन ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह पाया गया है कि झरिया प्रखंड के मंघरा गांव के रहने वाले बैद्यनाथ दास की मौत पिछले एक महीने से हुई बीमारी के कारण हुई है।

धनबाद के उपायुक्त ने कहा कि रिक्शा चालक के मौत के दिन भी उसकी पत्नी ने दाल भात बनाए थे, लेकिन वो उल्टी कर रहा था और उस दिन खाना नहीं खाया था।

रिक्शा चालक की मौत की सूचना पर झारखंड प्रशासन ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत परिवार को 20,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

अखबार में छपी खबर के अनुसार, बैद्यनाथ दास पिछले तीन सालों से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहा था, लेकिन स्वीकृत नहीं हो पाया था।

वहीं राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

बता दें कि इससे पहले भी आधार कार्ड पीडीएस स्कीम से लिंक नहीं होने से अनाज नहीं मिल पाने के कारण 28 सितंबर को सिमडेगा में 11 साल की बच्ची की मौत हो गई थी।

बच्ची की मौत के बाद झारखंड सरकार ने राशन लेने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। मंत्री सरयू राय ने कहा कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो भी उसे राशन लेने से नहीं रोका जा सकता है।

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