झारखंड में मोस्ट वांटेड और 19 लाख के इनामी नक्सली अमन गंझू ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उसने रांची के आईजी पुलिस के कार्यालय में पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया। वह प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) में रिजनल कमांडर के ओहदे पर था और उसके खिलाफ गढ़वा और लातेहार जिले में 17 नक्सली वारदात के मामले दर्ज हैं। वह राज्य में नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ बूढ़ापहाड़ की कमान संभाल रहा था। झारखंड पुलिस ने उसपर 15 लाख और एनआईए ने 4 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
बुधवार को आत्मसमर्पण के बाद उसने कहा कि वह हिंसा और हथियार की जिंदगी से त्रस्त हो गया था और इससे किसी भी हाल में बाहर निकलना चाहता था। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उसने सरेंडर कर मुख्यधारा के जीवन में लौटने का फैसला किया। अमन गंझू बिहार के औरंगाबाद जिले के ढिबरा थाना अंतर्गत झरना गांव का रहने वाला है। लातेहार और गढ़वा के अलावा उसने लोहरदगा और गुमला जिले में पिछले 18 साल में कई नक्सली वारदात अंजाम दिए थे। उसे संगठन में अनिल गंझू उर्फ प्रमुख सिंह भोक्ता उर्फ काजू भोक्ता सहित कई अन्य नामों से जाना जाता था।
भाकपा (माओवादी) के कोयल-शंख जोन के शीर्ष नेता अरविंद की मौत के बाद संगठन के विस्तार, नीति निर्धारण में अमन गंझू का अहम रोल था। विगत फरवरी में सुरक्षाबलों ने लोहरदगा के बुलबुल इलाके में नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन डबल बुल चलाया था। इस दौरान 11 माओवादियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अमन गंझू उस वक्त पुलिस की घेराबंदी से बच निकला था।
बुधवार को अमन के आत्मसमर्पण के वक्त आईजी अभियान एवी होमकर, रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज, गढ़वा के एसपी अंजनी झा और सीआरपीएफ के कई अधिकारी मौजूद थे। आईजी अभियान एवी होमकर ने बताया कि 2022 में नक्सलियों के खिलाफ के झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में कई सफलता मिली है। पारसनाथ, बूढ़ा पहाड़ और कोल्हान इलाके के ट्राई जंक्शन में नक्सलियों का सफाया हुआ है। इस वर्ष 13 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
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Source : IANS