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झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर में शिव बारात का रूट बदलने की मांग वाली याचिका खारिज की

झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर में शिव बारात का रूट बदलने की मांग वाली याचिका खारिज की

Updated on: 17 Feb 2023, 03:40 PM

रांची:

झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर में शिवरात्रि पर शिव बारात के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट में बदलाव की मांग को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दायर की गई याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि जिला प्रशासन ने सुरक्षा और विधि-व्यवस्था के ²ष्टिकोण से जो रूट तय कर रखा है, उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता।

इसके साथ ही कोर्ट ने शिव बारात के दौरान धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने के प्रशासन के आदेश में भी हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

निशिकांत दुबे ने अपनी याचिका में कहा था कि देवघर में शिव बारात आयोजन समिति ने जिन रास्तों से यात्रा निकालने का निर्णय लिया है, उसमें जिला प्रशासन ने अनावश्यक हस्तक्षेप करते हुए परिवर्तन कर दिया है। इस आदेश से श्रद्धालुओं की आस्था आहत होगी। उन्होंने जिला प्रशासन के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।

याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से पूर्व निर्धारित रूट से ही शिव बारात निकलेगी। दूसरे रास्ते से विधि व्यवस्था का मामला बनता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और कोर्ट ने माना कि जिला प्रशासन को रूट तय करने का अधिकार है।

हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान देवघर डीसी से मोबाइल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की। उन्होंने कोर्ट से कहा कि जिला प्रशासन ने सुरक्षा के ²ष्टिकोण से वर्षों से यह रास्ता तय कर रखा है, केवल कोविड के तीन वर्षों के दौरान यह रास्ता नहीं लिया गया था।

डीसी ने अदालत को बताया कि शिव बारात की सुरक्षा को लेकर देवघर जिला प्रशासन को कुछ सूचनाएं मिली थीं। इसी वजह से धारा 144 लगाई गई। ऐसा कहीं नहीं है कि पूरे देवघर में धारा 144 होने से 5 या 6 आदमी एक साथ एकत्रित नहीं हो सकते।

कोर्ट ने समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से देवघर डीसी को आज से यह प्रसारित करने को कहा है कि देवघर में कहीं भी सीमित संख्या में लोगों के रहने को लेकर धारा 144 जैसा आदेश लागू नहीं है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव एवं पार्थ जालान पैरवी की।

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