झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई को न्यायाधीश की मौत की जांच जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया, ताकि कोई सबूत नष्ट न हो।
अदालत ने राज्य सरकार को सीबीआई को सभी रसद सहायता और दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सीबीआई के वकील ने स्वीकार किया कि सीबीआई जांच के लिए सिफारिश का पत्र प्राप्त हो गया है और इसे बुधवार तक अधिसूचित किया जाएगा।
अदालत ने झारखंड के डीजीपी को राज्य में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने डीजीपी को उनके घरों में सुरक्षा गाडरें की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि अगर घटना सुबह 5.08 बजे हुई तो दोपहर 12.45 बजे प्राथमिकी क्यों दर्ज कराई गई।
झारखंड सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. लेकिन, बाद में उसने न्यायाधीश की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने ऑटो रिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा सहित कुल 17 लोगों को गिरफ्तार करने के बावजूद अब तक कोई प्रगति नहीं की है।
पुलिस इस मामले में अब तक 240 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अब दो मुख्य दोषियों और ऑटो रिक्शा के मालिक का नार्को टेस्ट कराने पर विचार किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों मुख्य अपराधी ज्यादा सहयोग नहीं कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि वे शराब के नशे में थे। इस थ्योरी को पुलिस टीम नहीं मान रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही इस घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुके हैं, जबकि उच्च न्यायालय खुद जांच की निगरानी कर रहा है।
न्यायाधीश उत्तम आनंद की 28 जुलाई को सुबह की सैर के दौरान एक ऑटो रिक्शा की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
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Source : IANS