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झारखंड में 'भूख' से मौत (फाइल फोटो)
झारखंड के सिमडेगा में कथित तौर पर भूख से हुई बच्ची की मौत पर केंद्र और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) हरकत में है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि केंद्रीय टीम पूरे मामले की जांच करेगी वहीं यूआईडीएआई ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यूआईडीएआई ने कहा कि परिवार के पास आधार कार्ड था।
पिछले दिनों सिमडेगा जिले में भूख की वजह से 11 साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी। मृत बच्ची की मां का कहना है कि उसने पिछले 4-5 दिनों से कुछ भी नहीं खाया था।
दरअसल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राशन डीलर ने महीनों पहले आधार कार्ड नहीं होने के कारण उसके परिवार का राशन कार्ड रद्द कर दिया था, जिससे अनाज नहीं मिल सका। परिवार गरीबी की वजह से राशन बाहर की दुकानों से नहीं खरीद पाया।
हालांकि सरकार ने एक रिपोर्ट का दावा करते हुए कहा कि बच्ची की मौत का कारण भूख नहीं बल्कि मलेरिया है।
बच्ची की मां ने बताया, ''डीलर के पास चावल लेने गई थी, लेकिन मुझे बताया गया कि मुझे राशन नहीं दिया जाएगा। मेरी बेटी 'भात-भात' कहते हुए मर गई।''
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आधार की वजह से राशन दिये जाने का मामला नहीं है। क्योंकि परिवार के पास 2013 से आधार कार्ड है।
उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'झारखंड सरकार ने पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच के आदेश दिये हैं। आधार लिंक नहीं होने की वजह से राशन नहीं देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'
केंद्र सरकार भेजेगी टीम
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि मामले की जांच के लिए जल्द ही एक केंद्रीय टीम राज्य का दौरा करेगी।
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Source : News Nation Bureau