दिल्ली की गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झांकी
दिल्ली की गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झांकी
रायपुर:
छत्तीसगढ़ के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि इस बार यहां के गांव व गोठान की तस्वीर गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में दिखेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि गणतंत्र दिवस की परेड के लिए छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना पर बनी झांकी को स्थान दिए जाने को रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति ने अपनी हरी झंडी दे दी है।जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर बनाई गई थीम इंडिया-75 न्यू आईडिया के तहत छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना पर बनाई गई झांकी का चयन किया है।
उन्होंने बताया कि देश के सभी राज्यों में से केवल 12 राज्यों को ही इस बार राजपथ पर अपने राज्य की झांकी के प्रदर्शन का अवसर मिला है।
बताया गया है कि विशेषज्ञ समिति में देश के प्रमुख शिल्पी, पेंटर, फोटोग्राफर, संगीतज्ञ, गायक और अन्य विधाओं के विशेषज्ञ सदस्य थे। दो माह से नई दिल्ली में चल रही चयन प्रक्रिया के विभिन्न दौर से गुजरते हुए छत्तीसगढ़ ने यह सफलता हासिल की है।
छत्तीसगढ़ के साढ़े सात हजार से अधिक गोठानों में दो रुपये किलो की दर से गोबर खरीदकर स्वसहायता समूहों के माध्यम से उसका उपयोग विभिन्न उत्पादों को बनाने और स्वच्छता, क्लाइमेट चेंज और स्थानीय स्तर पर रोजगार के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने की इस योजना को देशभर में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के एक विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है।
गोधन न्याय योजना पर केंद्रित छत्तीसगढ़ की झांकी ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक ²ष्टिकोण के समन्वय से एक साथ अनेक वैश्विक चिंताओं के समाधानों के लिए विकल्प प्रस्तुत करेगी।
छत्तीसगढ़ ने गोधन न्याय योजना की जो झांकी तैयार की है, उसके अग्रभाग में गाय के गोबर को इकट्ठा करके उन्हें विक्रय के लिए गोठानों के संग्रहण केंद्रों की ओर ले जाती ग्रामीण महिलाओं को दर्शाना जाएगा। ये महिलाएं पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में होंगी, जो हाथों से बने कपड़े और गहने पहने हुए होंगी। इन्हीं में से एक महिला को गोबर से उत्पाद तैयार कर विक्रय के लिए बाजार ले जाते दिखाया जाएगा। महिलाओं के चारों ओर फूलों के गमलों की सजावट की जाएगी, जो गोठानों में साग-सब्जियों और फूलों की खेती के प्रतीक होंगे। नीचे की ओर गोबर से बने दीयों की सजावट की जाएगी। ये दीये ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आए स्वावलंबन और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करेंगे।
झांकी के पृष्ठ भाग में गोठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित होते दिखाया जाएगा। इसमें दिखाया जाएगा कि नयी तकनीकों और मशीनों का उपयोग करके महिलाएं किस तरह स्वयं की उद्यमिता का विकास कर रही हैं, गांवों में छोटे-छोटे उद्योग संचालित कर रही हैं। मध्य भाग में दिखाया जाएगा कि गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखकर किस तरह पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोजगार और आय में बढ़ोतरी के लक्ष्यों को हासिल किया जा रहा है। सबसे आखिर में चित्रकारी करती हुई ग्रामीण महिला को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्प और कलाओं के विकास की प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके साथ ही झांकी में प्रदेश में विकसित हो रही जल प्रबंधन प्रणालियों, बढ़ती उत्पादकता और खुशहाल किसान को भित्ती-चित्र शैली में दिखाया जाएगा। इसी क्रम में गोबर से बनी वस्तुओं और गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करती स्व सहायता समूहों की महिलाओं को भी झांकी में प्रदर्शित किया जाएगा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर