अमित शाह पर बरसे प्रशांत किशोर,कहा- विरोध करने वालों की नहीं करते परवाह तो आगे क्यों नहीं बढ़ते

अमित शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि दुष्प्रचार कर देश को तेड़ने वाले लोगों के कारण आज बीजेपी को यह जन जागरण अभियान करना पड़ रहा है

अमित शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि दुष्प्रचार कर देश को तेड़ने वाले लोगों के कारण आज बीजेपी को यह जन जागरण अभियान करना पड़ रहा है

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Aditi Sharma
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प्रशांत किशोर( Photo Credit : फाइल फोटो)

हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने साफ-साफ कह दिया था कि CAA के खिलाफ बेशक कोई कितना भी प्रदर्शन कर ले, यह वापस नहीं होगा. अब उनके इस बयान को लेकर जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर निशाना साधा है. प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं है. अमित शाह जी, अगर आप CAA और NRC का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते, तो आप आगे क्यों नहीं बढ़ रहे और उस क्रोनोलॉजी के तहत सीएए और एनआरसी को लागू करने की कोशिश क्यों नहीं करते.'

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क्या था अमित शाह का बयान?

बता दें, अमित शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि दुष्प्रचार कर देश को तेड़ने वाले लोगों के कारण आज बीजेपी को यह जन जागरण अभियान करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सीएए से देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी. ममता दीदी, अखिलेश, राहुल बाबा आप लोग मंच खोज लें. हमारे स्वतंत्रदेव आपसे इस मुद्दे पर बहस कर लेंगे. इस एक्ट में किसी की भी नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है. इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

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आज CAA का विरोध करने वालों से मैं पूछना चाहूंगा कि जो 23 प्रतिशत अल्पसंख्यक पाकिस्तान में थे आखिर वो 3 प्रतिशत कैसे हो गए. आखिर उनकी आबादी कैसे कम हो गई. उन लोगों को मार दिया गया, लोगों का धर्म परिवर्तन कर दिया गया. लोग जान बचा कर भाग आए. क्या कान के बहरे और आंख के अंधे लोगों को यह दिखाई नहीं दिया. कश्मीरी पंडितों को उन्हीं के घर से धर्म के आधार पर भगा दिया गया तब आखिर ह्यूमन राइट्स कहां चला गया था.

अमित शाह ने कहा कि जिसे जितना विरोध करना है कर ले. सीएए वापस नहीं होगा. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को हम नागरिकता देंगे. जाइए एक बार देखिए शर्णाथियों के कैंप में जाकर. जिनकी हवेलियां होती थीं औज वह टेंट में रहने को मजबूर हैं. सिर्फ इस वजह से कि वह एक विशेष धर्म से आते हैं.

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अमित शाह ने कहा कि ममता दीदी पहले शर्णार्थियों के लिए नागरिकता मांग रही थीं. लेकिन आज जब हम वह दे रहे हैं, तो इन्हें आपत्ति हो रही हैं. आप करे तो अच्छा हम करें तो यह खराब कैसे हो सकता है. अमित शाह ने कहा कि हमने जब 370 हटाई तो कांग्रेस और सपा कहती है कि आप इसे मत हटाओ. भला आपके पेट में क्यों दर्द हो रहा है.

Source : News Nation Bureau

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