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शरद यादव के खिलाफ एकजुट हुई नीतीश की जेडीयू, चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी सिंबल पर ठोका दावा

जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा ठोंकते हुए कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के पास इस चिन्ह पर दावा जताने का कोई आधार नहीं है।

Updated on: 08 Sep 2017, 08:29 PM

highlights

  • नीतीश कुमार के बीजेपी से जुड़ने के बाद से शरद यादव हैं नाराज
  • जेडीयू दो धड़ों में, राज्य सभा में 10 में से सात जेडीयू सांसद नीतीश के पक्ष में
  • जेडीयू शरद यादव को राज्य सभा से अयोग्य घोषित कराने की कर रही है तैयारी

नई दिल्ली:

नीतीश कुमार के हाल में महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी से जुड़ने के बाद शरद यादव के पार्टी सिंबल पर दावे के खिलाफ नीतीश समर्थक जेडीयू का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला।

जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा ठोंकते हुए कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के पास इस चिन्ह पर दावा जताने का कोई आधार नहीं है।

पिछले महीने शरद यादव ने आयोग को एक ज्ञापन सौंपकर पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया था।

जेडीयू के महासचिव संजय झा ने बताया, 'हमने चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी से संबंधित सभी दस्तावेजी सबूत दाखिल किए।

हमने बिहार के हमारे 71 विधायकों तथा 30 विधान पार्षदों का शपथपत्र दाखिल किया है। साथ ही दो लोकसभा सांसदों और 7 राज्यसभा सांसदों का भी शपथपत्र दाखिल किया है। इन सभी ने हलफनामे में (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार के प्रति समर्थन जताया है।'

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झा ने बताया कि इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों और पार्टी के पदाधिकारियों के बहुमत' का समर्थन पत्र भी सौंपा।

उन्होंने कहा, 'हमने तीनों चुनाव आयुक्तों से यह भी कहा कि शरद यादव के पास पार्टी पर दावा करने का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। अगर कोई होता तो वह अब तक उसे दाखिल कर चुके होते।'

झा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से कहा कि शरद यादव केवल मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि जद-यू ने राज्यसभा सभापति के पास उन्हें अयोग्य घोषित करने का अनुरोध पत्र भेजा हुआ है।

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उन्होंने कहा, 'कहा जा रहा है कि शरद यादव ने राज्यसभा सभापति से कहा कि मामले की सुनवाई इसी में हो रही है, इसलिए अयोग्यता के मामले को वे फिलहाल स्थगित कर दें, जब तक कि ईसी का फैसला नहीं आ जाता। वह ऐसा करके केवल मामले को लटकाना चाहते हैं।'

जेडीयू का कहना है कि शरद यादव ने खुद से पार्टी छोड़ दी है और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में आर.सी.पी. सिंह, संजय झा, ललन सिंह और के.सी. त्यागी शामिल थे।

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