तीन तलाक बिल के विरोध में TMC, JDU समेत कई विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किए. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राम और रहीम को अगर आप एक मानेंगे तो देश में कानून पारित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि आज आपको बिल पारित कराने के लिए पैगम्बर साहब का नाम लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसे आपराधिक बनाने पर ही हमारा विरोध है. हमारी सलाह के बाद आपने 3 संशोधन किए हैं. लेकिन आप अपनी बात घुमा के बिल में लेकर आए हैं. टीएमसी सांसस सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा कि हमारी शंकाओं को दूर नहीं किया गया है और न ही सरकार की ओर से जवाब दिया गया. विरोध स्वरूप हम सदन से वॉक आउट करते हैं.
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तीन तलाक बिल को भारतीय जनता पार्टी भले ही जल्द से जल्द पास करना लेना चाहती है, लेकिन उसके सहयोगियों का रुख ऐसा नहीं है. बिहार में बीजेपी की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड का मानना है कि इस बिल को जल्दबाजी में नहीं पास किया जाना चाहिए. जेडीयू महासचिव पवन वर्मा ने कहा है कि हम जल्दबाजी के विरोध में हैं. उनके मुताबिक संसद की प्रक्रिया में प्रावधान है कि किसी बिल को उसकी स्क्रूटनी यानी जांच के लिए सेलेक्ट कमेटी में भेजा जा सकता है. जहां विस्तार से चर्चा हो सकती है.
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तीन तलाक कुप्रथा के खिलाफ
पवन वर्मा ने कहा कि हम ट्रिपल तलाक की प्रथा के खिलाफ हैं लेकिन इस पर कई प्रावधान हैं, जिस पर चर्चा की जरूरत है. मौजूदा कानून में तीन तलाक को क्रिमिनल एक्ट बनाया गया है, जिसमें तीन साल जेल का प्रावधान, फाइन और जमानत मिलने में भी शर्त है. इन चीजों पर आम राय बनाने की जरूरत है. हमारी राय इस मुद्दे पर सार्वजनिक है.
HIGHLIGHTS
- तीन तलाक बिल पर चर्चा जारी
- टीएमसी-जेडीयू समेत कई विपक्ष दल का वाकआउट
- जेडीयू ने कहा इस पर और विचार करने की जरूरत