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जेपी इंफ्रा (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जेपी एसोसिएट्स को उसकी सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ चल रही दिवालियापन की कार्रवाई को देखते हुए न्यायालय के रजिस्ट्रार के पास 2,000 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए. एम. खानविलकर और न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा है कि यह रकम 27 अक्टूबर तक जमा करानी होगी।
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— ANI (@ANI) September 11, 2017
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई का दिन 13 नवंबर निर्धारित करते हुए कहा कि अगर इस रकम को जुटाने के लिए जेपी एसोसिएट्स अपनी किसी संपत्ति को बेचना चाहती है, तो इससे पहले उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी।
इसके साथ खंडपीठ ने कंपनी के प्रबंध निदेशक और सभी निदेशकों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इनमें वो सभी लोग शामिल है जो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की इलाहाबाद खंडपीठ द्वारा दिए गए 9 अगस्त को दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के समय कंपनी के निदेशक थे।
निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यहाँ तक कहा, 'कंपनी चाहे बंगाल की खाड़ी में डूबे या अरब सागर में। निवेशकों के हित सुरक्षित रहने चाहिए।'
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Source : News Nation Bureau