जयललिता के निधन के साथ ही भले ही उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला खत्म हो गया हो लेकिन उनके यहां से जब्त हजारों साड़ियां, सैकड़ों चप्पलें और तमाम दूसरी चीजें अब भी कर्नाटक कोर्ट की निगरानी में हैं।
आय से अधिक संपत्ति रखने के इस मामले में एक से अधिक आरोपी हैं, इसलिए यह केस अभी खत्म नहीं हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि मामले पर कोर्ट का फैसला अगले साल जून में आ सकता है।
इस बीच AIADMK के कई सीनियर नेताओं को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा और जयललिता से जुड़ी उन तमाम चीजों को रिलीज किया जाएगा। AIADMK के नेता चाहते हैं कि जयललिता की याद में उनकी चीजों को म्यूजियम में रखा जाए।
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बता दें कि जयललिता से जुड़ी इन चीजों को 1996 में जब्त किया गया था और तब से इसकी निगरानी कर्नाटक पुलिस कर रही है। इसमें जयललिता की 10,500 साड़ियां, 750 जोड़ी चप्पलें और 500 वाइन ग्लास शामिल हैं।
यह सब कुछ बेंगलुरू की सिटी सिविल कोर्ट की पहली मंजिल पर रखा गया है। इन सामनों की निगरानी 24 घंटे कर्नाटक पुलिस करती है और इसके लिए चार पुलिस वाले तैनात हैं।
आयकर विभाग ने इन सामानों को 2002 में सरकार को उस वक्त सौंप दिया था, जब यह केस तमिलनाडु से कर्नाटक ट्रांसफर किया गया।
छापेमारी में जयललिता के घर से 3.5 करोड़ रुपयों के करीब 21.28 किलो सोने के गहने, 1,250 किलो चांदी के सामान, करीब दो करोड़ के हीरे और चांदी की एक तलवार भी मिली थी।
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जयललिता के अनुरोध पर 1996 में केस को तमिलनाडु से कर्नाटक भेजा गया। जयललिता को आशंका थी कि डीएमके के शासन में उन्हें न्याय नहीं मिल पाएगा।
इसी मामले की सुनवाई में एक विशेष अदालत ने सितंबर- 2014 में जयललिता को दोषी ठहराते हुए जेल भेजा था।
हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले साल मई में ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जहां फैसला आना अभी बाकी है।
HIGHLIGHTS
- जयललिता के खिलाफ 1996 में बना था आय से अधिक संपत्ति का मामला
- छापे में मिली थीं 10 हजार साड़ियां, सैकड़ों चप्पल और 500 वाइन ग्लास
Source : News Nation Bureau