जेएनयू: छात्र संगठनों के बीच झड़प, एसएफआई और एबीवीपी ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
जेएनयू: छात्र संगठनों के बीच झड़प, एसएफआई और एबीवीपी ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर छात्र संगठनों के बीच विवाद बढ़ने लगा है। छात्र संगठन एसएफआई ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी ने एंजेल की पुस्तक- सोशलिज्म यूटोपियन एंड साइंटिफिक पर एक रीडिंग सेशन आयोजित करने के लिए बुक किए गए यूनियन रूम पर कब्जा कर लिया। वहीं एबीवीपी का कहना है कि जेएनयू में एबीवीपी के कई कार्यकर्ताओं पर वामपंथी गुटों ने हमला किया है। इनमें से कुछ छात्रों को एम्स जाना पड़ा है।एसएफआई के अध्यक्ष सुमित कटारिया ने बताया कि एबीवीपी छात्रों ने यूनियन रूम पर कब्जे के बाद इसे खाली करने से इनकार कर दिया। एक संगठन ने यूनियन रूम बुक किया था और कार्यक्रम के लिए दो दिनों से अधिक समय तक प्रचार किया था।
सुमित ने बताया कि जब जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष हस्तक्षेप करने आईं, तो एबीवीपी के छात्रों ने उन्हें घेर लिया।
कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि एक दर्जन से अधिक एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा एक छात्र पर बेरहमी से हमला किया गया। महिलाओं को प्रताड़ित किया गया।
एसएफआई के सचिव प्रीतिश मेनन ने कहा कि कई अन्य छात्रों के सिर पर वार किए गए। एसएफआई परिसर में इस बेरोकटोक गुंडागर्दी की निंदा करता है और दोहराता है कि एसएफआई छात्र समुदाय के साथ मिलकर एक भय मुक्त और लोकतांत्रिक परिसर सुनिश्चित करने के लिए डटकर मुकाबला करेगा।
वहीं एबीवीपी ने इस पूरी घटना के लिए एसएफआई पर आरोप लगाया है। एबीवीपी का कहना है कि जेएनयू में एबीवीपी के कई कार्यकर्ताओं पर वामपंथी गुटों ने हमला किया है। इनमें से कुछ छात्रों को एम्स भेजा गया है। पीड़ितों में शारीरिक रूप से अक्षम छात्र, छात्राएं और एबीवीपी के पदधारी शामिल हैं। एबीवीपी के मुताबिक रविवार रात जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी तब छात्र गतिविधि कक्ष में यह हमला हुआ। हमलावरों में आइसा, एसएफआई सहित अन्य संगठनों के लोग शामिल थे। हमला रात करीब 9 बजकर 45 मिनट पर हुआ। अब फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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