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जेएनयू हिंसा: शैक्षणिक संस्थान में हिंसा और अनियंत्रित व्यवहार का कोई स्थान नहीं : प्रॉक्टर

जेएनयू हिंसा: शैक्षणिक संस्थान में हिंसा और अनियंत्रित व्यवहार का कोई स्थान नहीं : प्रॉक्टर

Updated on: 15 Nov 2021, 08:25 PM

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों के बीच हाथापाई की घटना सामने आई है। यह झड़प रविवार रात जेएनयू के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के इस्तेमाल को लेकर शुरू हुई।

जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर का कहना है कि जेएनयू प्रशासन के संज्ञान में आया है कि रविवार रात कैंपस के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में छात्रों के दो गुटों के बीच कुछ हाथापाई हुई है। छात्र इस बात से अवगत हैं कि जेएनयू परिसर में यह स्थल बिना किसी भेदभाव के विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए एक सामान्य सुविधा केंद्र है। प्रत्येक छात्र विश्वविद्यालय के नियमों का पालन करते हुए इस जगह का उपयोग करने का हकदार और स्वतंत्र है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के बीच हुई झड़प के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले छात्र संगठन एसएफआई ने आरोप लगाया कि एबीवीपी ने एक रीडिंग सेशन आयोजित करने के लिए बुक किए गए यूनियन रूम पर कब्जा कर किया जिसके कारण यह घटना हुई।

वहीं एबीवीपी का कहना है कि जेएनयू में एबीवीपी के कई कार्यकर्ताओं पर वामपंथी गुटों ने हमला किया है।

जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर का कहना है कि हिंसा और अनियंत्रित व्यवहार का शैक्षणिक संस्थान में कोई स्थान नहीं है, और जेएनयू प्रशासन परिसर में किसी भी प्रकार की हिंसा और अव्यवस्थित आचरण का कड़ा विरोध करेगा। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे जेएनयू में उनके लिए उपलब्ध सामान्य सुविधाओं का उपयोग सौहार्द और जिम्मेदारी की भावना के साथ और एक दूसरे के साथ सद्भाव में करें।

मुख्य प्रॉक्टर के मुताबिक किसी को भी दूसरों के शांतिपूर्ण अस्तित्व और कामकाज को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जेएनयू प्रशासन सभी छात्रों से अनुरोध करता है कि वे ऐसी अफवाहों पर न जाएं जो परिसर में शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को प्रभावित कर सकती हैं।

गौरतलब है कि जनवरी 2020 में जेएनयू में हिंसा की बड़ी वारदात दर्ज की गई थी। हिंसा की उस वारदात में करीब दो दर्जन छात्र घायल हुए थे। घायलों को उपचार के लिए एम्स ले जाया गया था। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई उस हिंसा के दौरान छात्र संघ की नेता छात्र नेता आईशी घोष भी बुरी तरह जख्मी हो गई थीं। आईसी को भी उपचार के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा था।

विश्वविद्यालय में हुई हिंसा का विरोध कर रहे जेएनयू के छात्रों ने पुलिस अधिकारियों को बताया था की नकाबपोश हमलावर छात्रों को पीटने के लिए पेरियार, कावेरी, साबरमती व कोईना हॉस्टल तक पहुंच गए थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.