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BS येदियुरप्पा सोमवार सुबह 10 बजे साबित करेंगे बहुमत, ऐसे Prove कर सकते हैं Majority

कर्नाटक में सियासी खींचतान के बीच बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण की.

Updated on: 27 Jul 2019, 06:40 AM

नई दिल्ली:

कर्नाटक में सियासी खींचतान के बीच बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण की. इसके बाद कर्नाटक के नए सीएम बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को कहा, वह 29 जुलाई यानि सोमवार को सुबह 10 बजे बहुमत साबित करेंगे और वित्त विधेयक पारित करेंगे.

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बीएस येदियुरप्पा ने प्रेसवार्ता में कहा, मैंने कैबिनेट बैठक में दो बड़े फैसले लिए हैं. प्रधानमंत्री किसान योजना की दो किस्त 2000 रुपये जल्द ही लाभार्थियों को दूंगा. इसके अलावा ही उन्होंने कहा, राज्य मंत्रिमंडल गठन को लेकर मैं अमित शाह और अन्य नेताओं के साथ चर्चा करूंगा. अगर जरूरत पड़ी तो मैं कल दिल्ली जाऊंगा. इसके बाद हम इस पर फैसला लेंगे. अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि बहुमत साबित करना येदियुरप्पा के लिए आसान राह नहीं है.

गौरतलब है कि कर्नाटक में 225 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से स्पीकर रमेश कुमार ने दल-बदल विरोधी कानून के तहत गुरुवार को 3 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. हालांकि, 14 बागी विधायकों के त्यागपत्र पर स्पीकर ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है. ऐसी स्थिति में कर्नाटक विधानसभा की सदस्य क्षमता 222 ही बनी हुई है. इसके तहत बहुमत के लिए येदियुरप्पा को 112 विधायकों का संख्याबल दिखाना होगा, जबकि बीजेपी के पास फिलहाल 106 विधायक ही है.

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पल-पल बदलते घटनाक्रम के तहत यदि स्पीकर केआर रमेश कुमार बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लेते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या घटकर 208 रह जाएगी. ऐसा होने पर येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए महज 105 विधायकों की दरकार होगी. यह संख्याबल उनके पास पहले से मौजूद है.

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्राप्त परिणामों के आधार पर पिछले साल मई में 104 विधायकों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत सिद्ध न कर पाने पर उन्हें दो दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर राज्य में सरकार का गठन किया था. इस साझेदारी के तहत जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे. यह अलग बात है कि कर्नाटक का नाटक भी तभी से शुरू हुआ था.