/newsnation/media/post_attachments/images/2020/03/21/janta-curfew-78.jpg)
जनता कर्फ्यू।( Photo Credit : फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'जनता कर्फ्यू' (Janta Curfew) की अपील करने के बाद देश में रविवार को एक अभूतपूर्व बंद होगा. लोगों से आग्रह किया गया है वे स्वेच्छा से कोरोनो वायरस (Corona Virus) के प्रसार को रोकने के लिए घरों में ही रहें जबकि इस दिन सार्वजनिक परिवहन सेवा निलंबित कर दी जाएगी या इसमें कमी कर दी जाएगी और आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी दुकानों के अलावा अन्य सभी बाजार और दुकानें बंद रहेंगी.
मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं ने पार्टी लाइनों से ऊपर उठते हुए लोगों से सुबह 7 से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाना जरूरी है क्योंकि कोरोना के मामले बढ़ गए हैं. शनिवार को 60 नये मामले सामने आने के बाद इसके मामले बढ़कर 283 हो गए. यह एक दिन में सामने आये सबसे अधिक मामले हैं.
यह भी पढ़ें- आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय 31 मार्च तक रहेंगे बंद
महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों ने महीने के अंत तक आंशिक बंदी लागू कर दी है. देश के किसी भी रेलवे स्टेशन से आधी रात से रविवार रात 10 बजे तक कोई भी पैसेंजर ट्रेन नहीं चलेगी, जबकि सभी उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को न्यूनतम कर दिया जाएगा. दिल्ली सहित अन्य शहरों में मेट्रो सेवाएं दिनभर स्थगित रहेंगी. गोएयर, इंडिगो और विस्तार जैसह उड्डयन कंपनियों ने घोषणा की है कि वे रविवार को देश भर में अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगी.
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने घोषणा की है कि वे रविवार को देशभर में अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे. हर क्षेत्र में संगठनों और संस्थानों ने रविवार के लिए पाबंदियों की घोषणा की है. रविवार को गिरजाघरों में होने वाली प्रार्थना ‘संडे मास’ सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों में होने वाली नियमित प्रार्थनाओं को स्थगित कर दिया गया है. जेल के कैदियों को अपने परिवार से मिलने पर रोक लगा दी गई है.
यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस का कोई असर नहीं, ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम की कड़ी मेहनत जारी
मोदी ने गुरुवार को आह्वान किया था कि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच 'जनता कर्फ्यू' का पालन करें. उन्होंने कहा था कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर कोई भी नागरिक अपने घर से बाहर न निकले. उन्होंने कहा था कि यह कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत की तैयारी प्रदर्शित करने की एक परीक्षा होगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे समय की जरूरत बताते हुए देश में सभी से इस कदम का समर्थन करने को कहा.
शाह ने कई ट्वीट करके सभी नागरिकों को उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने को कहा, जो महामारी के बीच देश को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी देश के लोगों से रविवार को खुद को घरों तक सीमित रखने की अपील की. नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को 'जनता कर्फ्यू' के आह्वान का उल्लेख करते हुए कहा कि चूंकि वायरस शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैलता है, इसलिए इसके प्रसार को रोकने के लिए एक निश्चित अवधि के दौरान सामाजिक मेल जोल से दूर रहना एक प्रभावी उपाय है.
यह भी पढ़ें- ट्रेनों में Corona Virus का खतरा: PM नरेंद्र मोदी ने की अपील- शहर छोड़कर न जाएं
नायडू ने कहा कि इसका मतलब है कि मेल जोल से दूर रह कर खुद का और दूसरों का ध्यान रखा जा सकता है, जिसकी पैरवी चिकित्सा विशेषज्ञों और डब्ल्यूएचओ द्वारा मुख्य रूप से की जा रही है. उपराष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों, नागरिक समाज संगठनों और अन्य लोगों से आग्रह किया कि इस मौके का इस्तेमाल देश के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाली इस महामारी से एकजुट होकर मुकाबला करने के लिए करें.
उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए दूसरों को शिक्षित और प्रेरित करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा, "जनता कर्फ्य को लोगों की अपनी स्वैच्छिक भागीदारी के साथ प्रेरित करने की पहल के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. यह बहुत ही आश्वस्त करने वाली बात है कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का बहुत ही सकारात्मक रूप प्रतिक्रिया जतायी है. घरों में रहने वाले और खुद को सामाजिक मेलजोल से दूर रखने वाले लोग इस वायरस को फैलने से रोकने के उपायों का हिस्सा हैं.’’
यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस के खिलाफ 22 मार्च को एलान-ए-जंग, जनता कर्फ्यू के दौरान क्या करें और क्या ना करें
दिल्ली में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रविवार को 50 प्रतिशत बसें सड़कों पर चलेंगी, यह देखते हुए कि कुछ लोगों को आपातकाल के कारण यात्रा करनी पड़ सकती है. हालांकि, ऑटो और टैक्सी राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों से दूर रहेंगी क्योंकि दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ, दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन, दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन और दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन सहित कई यूनियन ने 'जनता कर्फ्यू’ में शामिल होने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों से रविवार को घर के अंदर रहने की अपील की.
मुख्यमंत्री की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "मेट्रो ट्रेनें, रोडवेज बसें और सिटी बसें रविवार को नहीं चलेंगी." उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश में कोरोना वायरस दूसरे चरण में है. अगर हम इस स्तर पर इसे रोकने में सफल रहे तो यह पूरी दुनिया को एक बड़ा संदेश देगा. इस संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए, हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. हर जिले और मेडिकल कॉलेज में पृथक वार्ड बनाए गए हैं. अब तक राज्य में 23 मरीजों की पहचान की गई है, जिनमें से नौ पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं.
घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस चुनौती से लड़ने के लिए खुद को तैयार करें.” नेताओं ने व्यापारियों से आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी नहीं करने और लोगों को केवल आवश्यक वस्तुओं की खरीद नहीं करने का आग्रह किया. तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हम वायरस को तीसरे चरण में प्रवेश करने से रोक सकते हैं, यदि लोग घर के अंदर रहें और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की है." गोवा के आर्कबिशप फिलीप नेरी फेरराओ ने कोविड19 महामारी से लड़ने के लिए "जनता" कर्फ्यू के आह्वान के समर्थन में सभी चर्चों में रविवार के ‘संडे मास’ (सामूहिक प्रार्थना) रद्द कर दी.
यह भी पढ़ें- कोरोना शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी भी लेकर आएगी साथ! बचने के लिए उठाए ये कदम
सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में भी सेंट पीटर्स मार थॉमस सीरियन चर्च, पटपड़गंज और मध्य दिल्ली में कैथेड्रल चर्च ऑफ रिडेम्पशन ने ‘संडे मास’ और अगले सप्ताह के लिए सभी प्रार्थनाएं रद्द कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रमुख इस्लामी मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने कहा कि यह 22 मार्च को बंद रहेगा. उसने छात्रों से बाहर नहीं जाने के लिए कहा. जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के कदम के तहत कश्मीर घाटी में मस्जिदों और धार्मिक स्थलों पर नियमित नमाज निलंबित करने की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने शनिवार को विभिन्न संगठनों और व्यापारिक निकायों को कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया.
मोदी ने इस वायरस को लेकर लोगों द्वारा किये गए ट्वीट पर कहा, ‘‘कभी मत भूलें... सावधानी, घबराहट नहीं." उन्होंने कहा कि न केवल अपने घर पर होना जरूरी है, बल्कि उस शहर / नगर में ही रहना जरूरी हैं जहाँ वे हैं. मोदी ने कहा, "अनावश्यक यात्राएं आपकी या दूसरों की मदद नहीं करेंगी. इस समय में, हमारी ओर से किए गए हर छोटे प्रयास एक बड़ा प्रभाव होगा." उन्होंने कहा कि यह ऐसा समय है जब हम सभी को डॉक्टरों और अधिकारियों द्वारा दी गई सलाह को सुनना चाहिए.
यह भी पढ़ें- प्रियंका गांधी ने लोगों से कोरोना पर गलत जानकारी नहीं फैलाने की अपील की, शेयर की ये Video
उन्होंने कहा, "जिन लोगों को घर में पृथक रहने के लिए कहा गया है, मैं आपसे निर्देशों का पालन करने का अनुरोध करता हूं. यह आपकी और साथ ही आपके दोस्तों और परिवार की सुरक्षा करेगा." प्रधानमंत्री ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें दिखाया गया था कि यह वायरस कैसे फैलता है और छोटी-छोटी सावधानी बरतकर कैसे इसके प्रकोप को रोका जा सकता है. ओडिशा सरकार ने शनिवार को एक सप्ताह के लिए पांच जिलों और आठ अन्य प्रमुख शहरों में "बंद जैसी स्थिति" की घोषणा की है.
ये जिले हैं खुर्दा, गंजाम, कटक, केंद्रपाड़ा और अंगुल जबकि नगरों में पुरी, संबलपुर, झारसुगुड़ा, बालासोर, राउरकेला, भद्रक, जाजपुर रोड और जाजपुर शामिल हैं. बिहार सरकार ने 31 मार्च तक राज्य भर में बस सेवाओं, रेस्तरां और बैंक्वेट हॉल को बंद करने का आदेश दिया. राज्य में सभी स्कूल और मॉल पहले से ही बंद हैं. अधिकारियों ने महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, पुणे, ठाणे और नागपुर में बंद का पहले ही आदेश दे दिया है. अकोला जिला प्रशासन ने भी 22 से 24 मार्च के बीच बंद का आदेश दिया है.
Source : Bhasha