नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी जेपी बोस बोले, विपक्षी दल वादे पूरा करने में असफल रहे सत्तारूढ़ दल को कटघरे में खड़ा करें
आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे बुजुर्ग समाजवादी चिंतक जेपी बोस ने कहा कि विपक्षी दल 'चौकीदार की चकल्लस' में न पड़ें.
नई दिल्ली:
आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे बुजुर्ग समाजवादी चिंतक जेपी बोस ने कहा कि विपक्षी दल 'चौकीदार की चकल्लस' में न पड़ें. उन्होने कहा, 'किसानों, बेरोजगारों और नौजवानों की समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाएं और वादे पूरा करने में असफल रहे सत्तारूढ़ दल को कटघरे में खड़ा करें. बुजुर्ग समाजवादी चिंतक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बोस ने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादे पूरा करने में असफल रही है और वर्ष 2019 का चुनाव छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर लड़ने की कोशिश कर रही है. ऐसे में कांग्रेस, एसपी, बीएसपी सहित समूचे विपक्ष को 'चौकीदार की चकल्लस' में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि किसानों, बेरोजगारों और नौजवानों की ज्वलंत समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाकर सत्तारूढ़ दल को घेरना चाहिए.
सेना के एयर सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सवाल पर बोस ने कहा, 'सेना भारत की है, किसी एक राजनीतिक दल की नहीं. किसी को भी सेना के शौर्य पर शक नहीं करना चाहिए और न ही किसी दल को खुद को सेना के तौर पर पेश करना चाहिए.'
बांदा शहर के मर्दन नाका मुहल्ले में सपरिवार किराए के मकान में रह रहे 94 साल के बुजुर्ग समाजवादी चिंतक जमुना प्रसाद बोस (जेपी बोस) का ताल्लुक कायस्थ बिरादरी से है. वैसे बंगाल में भी कायस्थ ही बोस कहलाते हैं. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल होने के बाद वह बुंदेलखंड़ में नेताजी के अति विश्वसनीय फौजी भी थे. नेताजी से नजदीकियों की वजह से उन्होंने अपने नाम के साथ 'बोस' शब्द जोड़ लिया था. सोशलिस्ट पार्टी से राजनीतिक पारी शुरू करने वाले जे.पी. बोस बांदा सदर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक और मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें