जम्मू के युवा के साथ ट्रेन में बर्बरता, सिगरेट पीने से रोकने पर बाहर फेंका 

एसएसबी का इंटरव्यू देने के लिए वैष्णो देवी एक्सप्रेस ट्रेन से जम्मू से गुजरात जा रहा था युवक, सिगरेट पीने से रोकने पर ट्रेन से बाहर फेंका. 

एसएसबी का इंटरव्यू देने के लिए वैष्णो देवी एक्सप्रेस ट्रेन से जम्मू से गुजरात जा रहा था युवक, सिगरेट पीने से रोकने पर ट्रेन से बाहर फेंका. 

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Mohit Saxena
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train( Photo Credit : file photo)

जम्मू के ग्रेटर कैलाश इलाके के एक परिवार के बेटे के साथ मानवीय संवेदनशीलता को तार-तार कर देने वाला मामला सामने आया है. जम्मू के इस परिवार का बेटा तुषार सिंह, जो देश की सेवा करने के मकसद से एसएसबी का इंटरव्यू देने वैष्णो देवी एक्सप्रेस ट्रेन से जम्मू से गुजरात जा रहा था, उसे ट्रेन में 3 लोगों को सिगरेट पीने से रोकना इतना महंगा पड़ गया कि उन्होंने उसे ट्रेन से बाहर फेंक दिया. तस्वीरों में आईसीयू बेड पर जिंदगी की जंग लड़ रहा यह जम्मू का रहने वाला लड़का तुषार सिंह है. सेना में शामिल होने के सपने को पूरा करने के लिए तुषार 19 मई को गुजरात में एसएसबी के इंटरव्यू देने के लिए जम्मू से गुजरात के लिए निकला था. लुधियाना पहुंचने के दौरान तीन लोग ट्रेन में सिगरेट पीने लगे. तुषार ने जब उन लोगों से सिगरेट न पीने के लिए कहा तो उन्होंने तुषार को ट्रेन से बाहर फेंक दिया.

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ईमेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवाई

इस हादसे के बाद तुषार काफी देर तक पटरी पर ही पड़ा रहा. तुषार को किसी अजनबी शख्स ने अस्पताल पहुंचाया जहां से उसे डीएमसी लुधियाना भेज दिया गया. जब तुषार के माता-पिता पहुंचे तो तुषार वेंटिलेटर पर था. तुषार के पिता ने जब इस मामले की रिपोर्ट की तो पुलिस ने बयान दर्ज न होने के चलते इस मामले में आनाकानी करने लगी. जब तुषार को थोड़ा होश आया तो उसने ईमेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद रेलवे पुलिस ने एक महीने के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की. बावजूद इसके, पुलिस अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

हमारे समाज में लोगों में संवेदनहीनता बढ़ती जा रही

पिता के मुताबिक तुषार का सपना था कि वह सेना में अधिकारी बने और देश सेवा करें. इसी को मकसद बनाकर तुषार ने एसएसबी के दो पेपर भी क्लियर कर लिए थे, लेकिन उसकी एक छोटी सी बात ने उसकी जिंदगी में तूफान ला दिया. उधर, तुषार के पिता का कहना है कि उनको सबसे बड़ा दुख यह है कि इतनी बड़ी बात होने के बावजूद रेलवे का न कोई अधिकारी और न ही कोई कर्मचारी उनसे मिलने आया. तुषार के पिता ने रेलवे मंत्री से उन्हें इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है. तुषार के साथ हुई यह घटना बताती है कि हमारे समाज में लोगों में संवेदनहीनता बढ़ती जा रही है. ऐसे में रेलवे को इस मामले में ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए कि फिर किसी के साथ तुषार जैसी घटना न हो.

Source : News Nation Bureau

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