जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा लगातार चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन और आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई के चलते घाटी में इसका असर दिखाई देने लगा है। आतंकी संगठनों को इससे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दरअसल इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कुछ रिकॉर्ड जारी किए हैं। इन रिकॉर्ड्स के मुताबिक इस साल महज 71 आतंकियों की संगठनों में भर्ती हुई है, सेना ने अपने ऑपरेशन में 132 आतंकियों को को मार गिराया गया है।
पाकिस्तान और पीओके से जुलाई तक 78 आतंकवादियों ने घुसपैठ की है। वहीं पिछले साल 2016 में यह आंकड़ा महज 123 था। इन आंकड़ों के हिसाब से घाटी में आतंकियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
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इस साल जिन 132 आतंकियों को सेना के ऑपरेशन में मार गिराया गया है, उनमें से 74 विदेशी नागरिकता वाले पाए गए हैं। वहीं इनमें से 58 स्थानीय थे। इन आतंकियों में से 14 लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और अल-बद्र के टॉप कमांडर थे।
घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभालने वाले आतंकी को सेना ने ऑपरेशन में मार गिराया था। इसके बाद जाकिर मूसा और सबजार अहमद भट, यासिन के खात्मे को आतंकवाद के खिलाफ जंग में बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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Source : News Nation Bureau