सेना पर FIR के बीच पत्थरबाजों पर मेहरबान हुई महबूबा सरकार, वापस होंगे 9,730 मामले
जम्मू-कश्मीर सरकार ने साल 2008 और 2017 के बीच पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल 9,730 लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर सरकार ने साल 2008 से 2017 के बीच पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल 9,730 लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसमें पहली बार अपराध करने वाले लोग भी शामिल हैं।
बता दें कि हाल ही में राज्य के शोपियां जिले में सेना की गोलीबारी से हुई दो कथित पत्थरबाजों की मौत के बाद सेना के खिलाफ हुए एफआईआर के बीच सरकार ने यह फैसला लिया है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'सरकार के 1745 मामले को वापस लेने की कार्रवाई कुछ शर्तों पर निर्भर करेगी और यह मामले की जांच के लिेए गठित एक समिति की सिफारिशों पर आधारित है।'
उन्होंने कहा कि सरकार ने 4,000 से अधिक लोगों को माफी देने की सिफारिश की है, जो पिछले दो सालों में पत्थरबाजी की छोटी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
विधानसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में महबूबा मुफ्ती ने पहली बार पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल रहे लोगों के नाम नहीं बताया, ताकि उनपर और उनके परिवारों पर सुरक्षा का कोई खतरा न हो।
उन्होंने कहा कि 3,773 मामले साल 2016 और 2017 में दर्ज किए गए, इनमें 11,290 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें 233 लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
राज्य की गृह मंत्री का जिम्मा संभालने वाली मुफ्ती ने कहा कि सात मामलों को स्वीकार नहीं किया और 1,692 में आरोपपत्र दायर किए गए, जबकि 1,841 मामलों में जांच चल रही है।
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जुलाई 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में काफी उबाल रहा और इस दौरान 85 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में पत्थरबाजी की घटनाओं में 2,904 मामले दर्ज किए गए थे और 8,570 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। वहीं साल 2017 में ऐसे मामलों की संख्या घटकर 869 हो गई जिसमें 2,720 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा, '2016 और 2017 के दौरान सबसे ज्यादा श्रीनगर में 2,330 लोगों को गिरफ्तार किया गया, बारामुला में 2,046, पुलवामा में 1,385, कुपवाड़ा में 1,123, अनंतनाग में 1,118, बडगाम में 783, गांदेरबल में 714, शोपियां में 694, बांदीपोरा में 548, कुलगाम में 547 और डोडा जिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।'
मुफ्ती ने कहा, 'पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल 4,949 लोगों में 56 सरकारी कर्मचारी और 16 हुर्रियत कांफ्रेंस के कार्यकर्ता थे, जबकि 4,074 लोग किसी भी अलगाववादी और आतंकी समूह से संबद्ध नहीं थे।'
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