जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में वापस लौटने का न्योता दिया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने की गुजारिश भी की।
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम महबूबा मुफ्ती ने 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ किये गए बर्ताव को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि वो घाटी में वापस आएं। साथ ही उन्होंने उनसे ये वादा भी किया कि सरकार उनको वहां पर फिर से बसाने और उनकी सुरक्षा के इंतज़ाम भी करेंगी।
शनिवार को दिल्ली में कश्मीरी पंडितों के एक संवाद कार्यक्रम में महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'कश्मीरी पंडितों को घाटी में आना चाहिये, जिससे आज की पीढ़ी देख सके कि उनकी जड़ें कहां से जुड़ी हैं। हम सारा इंतजाम करेंगे। पहले जो कुछ भी हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन हम सभी को आगे देखना होगा।'
कार्यक्रम के दौरान महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी से अपील की कि वह एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत शुरू करें।
उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहती हूं कि वो पाकिस्तान से बातचीत करें जिस तरह से अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। न तो हम और न ही पाकिस्तान युद्ध करने की स्थिति में है। दोनों देशों को पता है कि अगर लड़ाई होगी तो दोनों को कुछ नहीं मिलेगा। दोनों सब कुछ खो देंगे।'
इसी दौरान एक व्यकित कार्यक्रम में खड़ा हुआ और कश्मीरी पंडितों को राहत दिये जाने के मसले पर पूछने लगा।
1990 के दशक में आतंकवाद बढ़ने के कारण कश्मीरी पंडितों ने बड़ी संख्या में घाटी छोड़ना शुरू कर दिया था।
2010 में राज्य सरकार ने कहा कि वहां पर 8008 पंडित परिवार अब भी रह रहे हैं और उनको वापस घाटी में बसाने की कोशिश की गई लेकिन वो असफल रहे।
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Source : News Nation Bureau