जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को अलगाववादियों को सरकार से बातचीत का सुनहरा मौका नहीं गंवाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलगाववादियों से बातचीत का प्रस्ताव और रमजान के दौरान संघर्षविराम की घोषणा बातचीत प्रक्रिया की शुरुआत है।
यहां एक सेतु के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा, 'प्रदेश में अनिश्चितता के माहौल का खात्मा करते हुए स्थाई शांति कायम करने के लिए अलगाववादियों समेत सबको आगे आना चाहिए और जम्मू एवं कश्मीर के मसले सहित राज्य की सभी समस्याओं के समाधान के लिए गृहमंत्री के बातचीत के प्रस्ताव पर अमल करना चाहिए।'
उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मुझे लगता है कि राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह आगे इस बात पर निर्भर करेगी कि धरातल पर स्थिति कितनी अच्छी रहेगी।'
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मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह सुनहरा मौका है। ऐसा मौका बार-बार नहीं आता है। अत्यंत शक्तिशाली प्रधानमंत्री इस तरह का प्रस्ताव करता है। 18 साल पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में ऑपरेशन बंद किया गया था।'
उन्होंने कहा, 'उस समय उपप्रधानमंत्री एल. के. आडवाणी ने अपने स्तर पर बातचीत की थी। लगता है कि वही प्रक्रिया अब फिर दोहराई जा रही है, लेकिन हम किसी पर दबाव नहीं डाल सकते हैं। हमें उम्मीद है कि अलगाववादी इस मौके का लाभ उठाएंगे।'
उन्होंने आतंकियों द्वारा ग्रेनेड से हमले करने और सुरक्षा बलों पर गोलियां बरसाने की लगातार हो रही घटनाओं पर चिंता जताई।
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Source : IANS