जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग करने के बाद सियासत तेज़ हो गई है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निर्णय के बाद राजनीतिक गलियारों से इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. बीती रात जम्मू-कश्मीर में हुए सियासी ड्रामे के बाद विपक्ष लगातार केंद्र पर हमलावर है. इसी कड़ी में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने सत्तारूढ़ केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे राज्यपाल से काफी उम्मीदें थी, लेकिन यह बेहद दुखद है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक केंद्र के गुलाम बनकर रह गए. राज्यपाल के पद पर एक बार फिर विचार किये जाने की जरूरत है. विधानसभा को भंग करने के लिए उन्होंने पांच महीने का इंतज़ार क्यों किया?'
फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जब पीडीपी बीजेपी के साथ गठबंधन में थी तब वे टेरर फ्रेंडली नहीं था? एनसी और कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत करने से यह टेरर फ्रेंडली हो गया.'
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी नेता राम माधव से नेशनल कांफ्रेंस पर पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों को साबित करने या माफी मांगने की चुनौती दी. अब्दुल्ला ने राम माधव को नरम पड़ने और यह कहने पर मजबूर कर दिया कि वह किसी की देशभक्ति पर सवाल नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जम्मू एवं कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने आरोप लगाया था कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) व नेशनल कांफ्रेंस ने बीते महीने स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार किया क्योंकि उन्हें सीमा पार (पाकिस्तान) से निर्देश मिले थे. राम माधव के इन आरोपों के बाद एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से संबंध साबित करने की चुनौती दी थी.
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अब्दुल्ला ने इस पर हमला करते हुए कहा कि राम माधव बेबुनियाद आरोप नहीं लगाएं और इसके बजाय आरोपों के साक्ष्य दें. उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं आपको (राम माधव को) अपने आरोपों को साबित करने की चुनौती देता हूं. आप के पास रॉ, एनआईए, आईबी और सीबीआई (आपका तोता) हैं. इसलिए लोगों के बीच सबूत पेश करने की हिम्मत दिखाएं. आरोप को साबित करें या फिर माफी मांगने की क्षमता रखें. निशाना लगाकर भाग जाने की राजनीति नहीं करें.' इसके जवाब में राम माधव ने अपनी टिप्पणी की वजहों को बताने की कोशिश की.
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बता दें कि जम्मू कश्मीर में पीडीपी के नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस के साथ गठबंधन कि सरकार बनाने की सुगबुगाहट के बीच राजयपाल ने बुधवार को विधानसभा भंग करने का ऐलान किया था, जिसके बाद विपक्ष ने केंद्र और राजयपाल को अपने निशाने पर लिया. पीडीपी ने राज्यपाल को यह कहते हुए पत्र लिखा था कि कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस ने उसे सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का निर्णय किया है. उनके पास कुल 56 विधायकों की संख्या है. इसके बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल को लिखा कि वह बीजेपी के विधायकों व कुछ अन्य विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau