राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा कश्मीर में लागू धारा 370 (Article 370) और (Article 35A) को खत्म करने के प्रस्ताव को पेश किया गया. इसके बाद राज्यसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी. इसका सीधा मतलब ये है कि जम्मू कश्मीर से 35ए को हटा दिया गया है और धारा 370 को भी हटाया जाएगा. इसके साथ ही राज्यसभा में ये भी ऐलान किया गया है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलेगा.
इस पर राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने संबोधित करते हुए कहा, मैंने सोचा भी नहीं था कि इस तरह का फैसला सरकार लेने जा रही है. मुझे लगा था कि आरक्षण विधेयक को लेकर सरकार कोई निर्णय लेगी. मैं तो यह सोचकर समर्थन करने के लिए आया था. पिछले एक हफ्ते से पूरा राज्य परेशान था.
यह भी पढ़ें- जन्नत जल रही है और हम खामोशी से..., पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान ने किया Tweet
मैं खुद रात को ढाई बजे सोया. कई फोन आ रहे थे, तमाम अफवाहें फैल रही थीं. कोई परिसीमन की बात कर रहा था तो कोई कह रहा था कि धारा 370 खत्म होगा तो कोई 35ए के बारे में तरह-तरह की बात कर रहा था. आज जिस तरह से यह फैसला लिया गया. फैसले लेते समय यह भी नहीं सोचा गया कि वहां अस्पताल में समुचित व्यवस्था है या नहीं, राशन पानी की सुविधा है या नहीं.जिस बात का डर था, वहीं हुआ. 57 पन्नों का यह बिल लाया गया है और आनन-फानन में पास कराने की कोशिश की जा रही है. आज भारत के नक्शे से एक स्टेट खत्म हो गया है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, कानून से इंटीग्रेशन नहीं होता, यह दिल से होता है. जम्मू-कश्मीर की शुरुआत प्रधानमंत्री से हुई थी. हमने वहां चीफ मिनिस्टर बनाया, अब आपने जम्मू-कश्मीर को लेफ्टिनेंट गवर्नर के हवाले कर दिया. कश्मीर दुनिया में अपनी खुबसूरती के लिए जाना जाता है. आपने एक राज्य के इतिहास को मसल दिया है.
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर से हटा आर्टिकल 35A, परेश रावल बोले- 'सौ सौ सलाम'
गुलाम नबी आजाद ने कहा, शेख अब्दुल्ला से लेकर मुफ्ती तक वहां के मुख्यमंत्री रहे. अब वहां लेफ्टिनेंट गवर्नर होगा. वोट लेने के लिए भारत की संस्कृति के साथ खिलवाड़ न कीजिए. इस नए भारत के इतिहास में यह काला धब्बा होगा. कश्मीरियों की मर्जी के बगैर राज्य को तोड़ रहे हैं. जिस कश्मीर को खून से सींचा गया, आज उस खून को आपने अपने पांवों तले रौंद दिया है.
बता दें कि लद्दाख के अंतर्गत लेह और कारगिल भी आते हैं. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद 59,196 वर्ग किलोमीटर में फैला लद्दाख अब जम्मू कश्मीर से मुक्त हो जाएगा. साल 2011 में जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक वहां उस समय 2,74,289 लोगों की आबादी थी. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख अब पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ जाएगा.
Source : News Nation Bureau