कश्मीर में हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, अलगाववादी नेताओं के आवास पर एनआईए की छापेमारी का विरोध

अलगाववादियों के आहूत बंद के कारण बुधवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ.

अलगाववादियों के आहूत बंद के कारण बुधवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ.

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
कश्मीर में हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, अलगाववादी नेताओं के आवास पर एनआईए की छापेमारी का विरोध

प्रतीकात्मक तस्वीर

अलगाववादियों के आहूत बंद के कारण बुधवार को कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ. यह बंद घाटी में हवाला के जरिए आतंकी वित्तपोषण की जांच के सिलसिले में कई अलगाववादी नेताओं के आवास पर एनआईए की छापेमारी के विरोध में किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में अधिकतर दुकान, पेट्रोल पंप और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. उन्होंने बताया कि सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन नहीं चल रहा है. हालांकि शहर के कुछ इलाकों में कुछ निजी कार और ऑटोरिक्शा नजर आ रहे हैं.

Advertisment

अधिकारियों ने बताया कि घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी बंद की इसी तरह की खबरें सामने आई हैं. अलगाववादी संगठनों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने अलगाववादियों पर मंगलवार को एनआईए की छापेमारी और अनुच्छेद 35 ए में छेड़छाड़ की आशंका के विरोध में बुधवार को पूर्ण बंद का आह्वान किया है. अनुच्छेद 35 ए की संवैधानिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

बता दें कि जम्मू -कश्मीर में 14 फरवरी को आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. 

Source : PTI

srinagar separatist jammu-kashmir
      
Advertisment