जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक लोकसभा से पास
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा.
highlights
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2021 लोकसभा में हुआ पास.
- अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था.
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक लोकसभा में शनिवार को पास हो गया है. इससे पहले सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर लंबी चर्चा हुई. विपक्ष ने भी तमाम सवाल उठाए. धारा 370 हटाए जाने के बाद राज्य के हालातों पर भी सवाल उठाए गए, साथ ही पूछा गया कि वहां क्या बदल गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उठाए सभी सवालों पर विस्तार से जवाब दिया. अमित शाह ने पूर्व राज्य का दर्जा देने पर कहा कि उपयुक्त समय पर किया जाएगा. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. साथ ही शाह ने कहा कि सही वक्त आने पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ?. मैं उसका जवाब जरूर दूंगा, लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन(संशोधन) विधेयक 2021 में जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा बनाने का प्रावधान है. पिछले महीने केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश लेकर आई थी, ये विधेयक उसी का स्थान लेगा. हालांकि जब सदन में इस विधेयक को पेश किया गया तो विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए, लेकिन चर्चा के बाद ये पास हो गया.
जब ये विधेयक सदन में पेश हुआ तो विपक्षी दलों ने कहा कि इस विधेयक से साफ होता है कि मोदी सरकार अब जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज नहीं देगी. जिस पर जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसा कहीं पर नहीं लिखा है, पता नहीं विपक्ष कहां से निष्कर्ष निकाल रहा है. उन्होंने कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू और कश्मीर के राज्य दर्जे से कोई लेना-देना नहीं है. वक्त आने पर उसे राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
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