जम्मू कश्मीर में सरकार जल्द ही सरकारी जमीनों पर सालों से किए गए कब्जे पर पीला पंजा चलाने की तैयारी है. इसकी जद में प्रदेश के कई पूर्व मंत्री और विधायक भी आते हुए नजर आ रहे हैं. जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा इस बाबत जारी आदेश के बाद प्रदेश में सियासी माहौल भी गरमा गया है और प्रदेश के सभी विपक्षी दल सरकार के खिलाफ दमखम से प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर गए हैं. सरकारी आदेश की बात करें तो 9 जनवरी को जम्मू कश्मीर सरकार ने एक आदेश जारी कर जम्मू कश्मीर के सभी 20 जिला अधिकारियों को प्रदेश में कब्जा की गई सरकारी जमीनों को चिन्हित कर 31 जनवरी तक इन पर कार्यवाही करने के लिए कहा है.
इन जमीनों में रोशनी एक्ट के तहत रजिस्टर करवाई गई जमीनों को भी शामिल करने को कहा गया है. सरकार की इन जमीनों में कब्जा करके रिहायशी मकान, कॉमर्शियल सेंटर और कई दूसरी इमरतें बनाई गई हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा तैयार की गई लिस्ट में 30 पूर्व मंत्रियों और नेताओ के नाम भी सामने आ रहे है .
जम्मू कश्मीर में सियासी पारा भी चढ़ा
वहीं सरकार द्वारा जारी इस आदेश के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी पारा भी चढ़ गया है. कांग्रेस के साथ पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस सभी विपक्षी दल सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. विपक्षी दलों का कहना है की सरकार इस आदेश के बहाने प्रदेश के आम लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है और पीले पंजे को आम लोगों के खिलाफ इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है .
उधर सरकार के इस फैसले का जम्मू कश्मीर में समर्थन मिल रहा है. शिवसेना डोगरा फ्रंट ने सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए प्रदर्शन किया है और कार्यवाही की मांग की है. भाजपा भी सरकार के इस फैसले के साथ खड़ी है. भाजपा का कहना है की सरकार के इस आदेश को गलत तरीके से विपक्ष द्वारा लोगो के सामने रखा जा रहा है. सरकार का फैसला उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने सरकार की हजारों कनाल जमीन पर कब्जा किया हुआ है . साथ ही रोशनी एक्ट के तहत उसे अपने नाम करवाने की कोशिश की है.
Source : News Nation Bureau