logo-image

जामिया की लाइब्रेरी में पुलिस की छात्रों पर बरसाई गई लाठी का Video आया सामने, प्रियंका गांधी ने कही ये बात

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी कैंपस में भड़की हिंसा के दौरान पुलिस की तरफ से जामिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में जो लाठीचार्ज किया गया था, उसका वीडियो जारी किया गया है.

Updated on: 16 Feb 2020, 04:43 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी कैंपस में भड़की हिंसा के दौरान पुलिस की तरफ से जामिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में जो लाठीचार्ज किया गया था, उसका वीडियो जारी किया गया है. घटना के दो महीने बाद एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें पुलिस की बर्बरता दिखाई दे रही है.

इस वीडियो में कथित तौर पर अर्द्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी पिछले साल 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में छात्रों पर लाठीचार्ज करते दिख रहे हैं.

इस पर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) समेत कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीसीटीवी फुटेज प्रतीत हो रहे 48 सेकेंड के इस वीडियो में कथित तौर पर अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के करीब सात-आठ कर्मी ओल्ड रीडिंग हॉल में प्रवेश करते और छात्रों को लाठियों से पीटते दिख रहे हैं. ये कर्मी रूमाल से अपने चेहरे ढंके हुए भी नजर आ रहे हैं.

यह वीडियो जामिया समन्वय समिति (जेएमसी) ने जारी किया है. इस समिति में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शामिल हैं. परिसर में 15 दिसंबर को कथित पुलिस बर्बरता के बाद इसका गठन किया गया था. विश्वविद्यालय 15 जनवरी को उस वक्त युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गया था, जब पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के भीतर उन बाहरी लोगों की तलाश में घुसी, जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान इस शैक्षणिक संस्थान से कुछ ही दूरी पर हिंसा और आगजनी की थी.

इसे भी पढ़ें:वाराणसी में बोले PM मोदी- सच में, काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं

विश्वविद्यालय के विधि के एक छात्र ने आरोप लगाया था कि पुलिस कार्रवाई में उसकी एक आंख की रोशनी चली गई. विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया विभाग) प्रवीर रंजन ने कहा कि यह वीडियो पुलिस के संज्ञान में आया है और वे चल रही जांच प्रक्रिया के तहत इसकी भी जांच करेंगे. जामिया समन्वय समिति ने कहा कि उसे यह वीडियो गुमनाम स्रोत से प्राप्त हुआ है. उसने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने लाइब्रेरी में पुलिस की कार्रवाई का वीडियो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के साथ साझा किया है, जो इस प्रकरण की जांच कर रहा है.

और पढ़ें:बिहार में विपक्ष 'डूबता जहाज', NDA को चुनावों में मिलेगा दो-तिहाई बहुमत- रामविलास पासवान

ट्विटर पर वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा,‘...इस वीडियो को देखने के बाद जामिया में हुई हिंसा को लेकर अगर किसी पर एक्शन नहीं लिया जाता है तो सरकार की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी.’

उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) और दिल्ली पुलिस पर यह झूठ बोलने का भी आरोप लगाया कि लाइब्रेरी के भीतर जामिया के छात्रों की पिटाई नहीं की गई थी.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘देखिए कैसे दिल्ली पुलिस पढ़ने वाले छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है. एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिसकर्मी लाठियां चलाए जा रहे हैं. गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने झूठ बोला कि लाइब्रेरी में घुस कर किसी को नहीं पीटा गया.’

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई, 'अत्यधिक अविवेकपूर्ण और अस्वीकार्य है. येचुरी ने ट्वीट किया, 'विश्वविद्यालयों में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का अमित शाह द्वारा किया गया हर बचाव गलत, भ्रामक और राजनीति से प्रेरित है. दिल्ली पुलिस मोदी-शाह के अधीन है और वे लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों से इस तरह से पेश आते हैं. शर्मनाक है.