तमिलनाडु में जल्लीकट्टू खेल परंपरा को लेकर एक तरफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, दूसरी तरफ धार्मिक गुरु, बड़ी हस्तियों की राय है। सुप्रीम कोर्ट ने पोंगल के मौके पर आयोजित होने वाले खेल जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया है। जिसके खिलाफ तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों की संख्या में जल्लीकट्टू समर्थक लोग सड़कों पर उतरे हैं।
स्थानीय लोग जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध को तमिलनाडु की संस्कृति का अपमान बता रहे हैं। इसके लिए पशु अधिकार संगठन पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) भी उनके निशाने पर हैं।
तमिलनाडु सरकार, कई धर्मगुरुओं और बड़े हस्तियों ने जल्लीकट्टू के समर्थन आवाजें उठाई है।
धर्मगुरुओं ने कहा-
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध को हटाने की मांग की। श्री श्री ने कहा, 'तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।'
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सवालिया अंदाज में कहा, 'तो क्या आप क्रिकेट बॉल को भी बैन कर देंगे? क्रिकेट की गेंद खतरनाक होती है और कई खिलाड़ियों के लिए जानलेवा साबित हो चुकी है।'
मशहूर हस्तियों का मिला समर्थन
मशहूर संगीतकार ए आर रहमान ने जल्लीकट्टू के समर्थन में उपवास रखने का फैसला किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'तमिलनाडु की भावना का समर्थन करते हुए मैं कल उपवास रखने जा रहा हूं...'
शतरंज के मशहूर खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने भी ट्वीट कर जल्लीकट्टू को संस्कृति का प्रतीक बताते हुए तमिलनाडु के युवाओं की तारीफ की।
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हासन ने भी खेल का समर्थन किया है। रजनीकांत ने कहा, 'चोट से बचने के लिए खेल के नियमन को लेकर नियम बनाए जा सकते हैं लेकिन क्या किसी संस्कृति को अस्वीकार करना सही है?'
हासन ने कहा, 'जिन्हें भी लगता है कि ये परंपरा जानवरों के खिलाफ क्रूरता है, उन्हें बिरियानी पर भी प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।'
तमिलनाडु सरकार का स्टैंड
तमिलनाडु सरकार जल्लीकट्टू के पक्ष में है। इस संबंध में राज्य सरकार अध्यादेश लाने की मांग कर रही है। मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य के हालात से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने पीएम को पत्र दिया है जिसमें मैंने कहा है कि जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध हटना चाहिए और केंद्र को इस पर अध्यादेश लाना चाहिए।'
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जानवरों की सुरक्षा करने वाली संस्था पेटा जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने 2014 में इस खेल पर पाबंदी लगाने का फैसला सुनाया था।
जल्लीकट्टू तमिल नाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है।
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HIGHLIGHTS
- जल्लीकट्टू के समर्थन में उतरे कई हस्ती, ए आर रहमान गुरुवार को रखेंगे उपवास
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तमिलनाडु के सीएम ओ पन्नीरसेल्वम
- सुप्रीम कोर्ट ने पोंगल पर होने वाले खेल जल्लीकट्टू पर लगाई है रोक
Source : News Nation Bureau