तीन 3 में आचमन योग्य हो जाएगी यमुना नदी : जलशक्ति मंत्री शेखावत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि यमुना को शुद्ध करने के लिए बहुत बड़ी योजना पर काम हो रहा है. अगले तीन वर्ष में यमुना नदी का जल आचमन लायक हो जाएगा.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि यमुना को शुद्ध करने के लिए बहुत बड़ी योजना पर काम हो रहा है. अगले तीन वर्ष में यमुना नदी का जल आचमन लायक हो जाएगा.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
तीन 3 में आचमन योग्य हो जाएगी यमुना नदी : जलशक्ति मंत्री शेखावत

Gajendra Singh Shekhawat( Photo Credit : (फाइल फोटो))

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि यमुना को शुद्ध करने के लिए बहुत बड़ी योजना पर काम हो रहा है. अगले तीन वर्ष में यमुना नदी का जल आचमन लायक हो जाएगा. वो महावन, रमण रेती में यमुना किनारे स्थित 'श्री उदासीन कार्ष्णि आश्रम' में आयोजित पंच दिवसीय श्रीगुरु कार्ष्णि गोपाल जयंती समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने मीडिया से मुलाकात मे कहा, 'यमुना पर दो बड़े बांधों का निर्माण किया जा रहा है. इनके निर्माण के बाद यमुना में 1000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा. जिससे यमुना नदी में अविरल जल प्रवाह बनाए रखने तथा उसके जल को आचमन लायक बनाने में महती मदद मिलेगी. इस कार्य में कम से कम तीन वर्ष लगेंगे.'

Advertisment

और पढ़ें: खुशखबरी, दिल्ली वासी यमुना में ले सकेंगे नौका विहार का आनंद, पढ़ें पूरी खबर

उन्होंने संतों को गंगा-यमुना के शुद्धिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया, 'देवप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक गंगा पूरी तरह शुद्ध हो चुकी हैं.प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गंगा शुद्धिकरण के लिए अब तक जो कार्य हुए हैं उनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'यमुना में गंदगी का मामला बेहद चिंतनीय है. 2015 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब हम गंगा की बात करें तो यमुना एवं उसकी सहायक नदियों पर भी काम होना चाहिए. अब यमुना की अविरलता के लिए कार्य करना प्रारंभ कर दिया गया है. निश्चत ही जैसे पिछले पांच वर्ष में गंगा की अविरलता के लिए सार्थक परिणाम सामने आए हैं, आने वाले समय में यमुना की अविरलता भी दिखाई देगी.'

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने संतों के साथ बैठक कर उनके विचार जानने का प्रयास किया तो संतों ने गंगा-यमुना के प्रवाह को अविरल बनाए रखने, इनके किनारों पर हो रहे निर्माणों पर अंकुश लगाने तथा दोनों पवित्र नदियों के प्राचीन घाटों का संरक्षण एवं संवर्धन करने की मांग की. इस बैठक में निर्णय लिया गया गया कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री हर तीन माह में एक बार देश के प्रमुख संतों के साथ बैठक कर देश की नदियों की स्थिति और उन पर चल रहीं परियोजनाओं की जानकारी देते रहेंगे.

ये भी पढ़ें: बिहार पहुंचते-पहुंचते घट जाती है गंगा में ऑक्सीजन की मात्रा

इस मौके पर श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महामंडलेश्वर गोविंददेव गिरी, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी विद्याभाष्कर, गीतामनीषी संत ज्ञानानंद, सन्यासी आश्रम के महंत स्वामी विश्वेशानंद व रमणरेती आश्रम के संत कार्ष्णि गुरु शरणानंद व प्रदेश के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी उपस्थित थे. 

Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat Yamuna River
      
Advertisment