UNSC में भारत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को घेरा, अफगानिस्तान के हालात...
अफगानिस्तान संकट पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को यूएनएससी बैठक (UNSC Meeting) में बड़ा बयान दिया है. पाकिस्तान का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद की मदद कर रहे हैं.
highlights
- अफगानिस्तान में फिर तालिबानी राज की वापसी
- अफगानिस्तान संकट पर यूएनएससी बैठक में चर्चा
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान संकट पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को यूएनएससी बैठक (UNSC Meeting) में बड़ा बयान दिया है. पाकिस्तान का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद की मदद कर रहे हैं. हमें ऐसे देश को रोकना होगा. उन्होंने UNSC मीटिंग में आगे कहा कि आतंकवाद के हर रूप की कड़ी निंदा होनी चाहिए. किसी भी हाल में आतंकवाद का महिमामंडन नहीं होना चाहिए. एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत पूरा समर्थन देने के लिए तैयार है.
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आपको बता दें कि इस वक्त UNSC की अध्यक्षता भारत के पास है. इस मीटिंग में 'आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा' मुद्दे पर चर्चा हुई है. इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को किसी राष्ट्र, धर्म, सभ्यता या फिर जातीय समूह से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. आतंकवाद का सपोर्ट नहीं, बल्कि निंदा होनी चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोरोना वायरस का उदाहरण देते हुए कहा कि जो कोरोना वायरस के लिए सच है, वहीं आतंकवाद के लिए सच है. जब तक सभी सुरक्षित नहीं होंगे, कोई सुरक्षित नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान हो या भारत, जैश ए मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा लगातार यहां एक्टिव हैं.
ब्लिंकन ने जयशंकर, कुरैशी के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की
आपको बता दें कि पिछली दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की थी. उन्होंने तालिबान के कब्जे वाले देश में प्रत्यक्ष हितों वाले विदेश मंत्रियों को फोन किया था. जयशंकर ने सोमवार को कॉल के बाद ट्वीट किया था कि अफगानिस्तान में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया. इस संबंध में चल रहे अमेरिकी प्रयासों की गहराई से सराहना करते हैं.
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पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हजारों सैनिकों को वहां भेजने के बाद हवाईअड्डा अमेरिकी नियंत्रण में है, लेकिन तालिबान से भागने के लिए बेताब हजारों अफगान सोमवार को काफी जद्दोजहद करते दिखे. लेकिन बाद में दिन में रिपोर्ट में कहा गया कि उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं.
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