नगरोटा मुठभेड़ में मारे गए आतंकी कमांडो ट्रेनिंग प्राप्त आत्मघाती जिहादी थे, 30 किमी पैदल चल कर आए
खुफिया एजेंसियों को खबर लगी है कि मारे गए आतंकी शकरगाह में सांबा सीमा पर जैश के शिविर से 30 किलोमीटर पैदल चले थे. सभी कमांडो ट्रेनिंग प्राप्त जिहादी हमलावर थे.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान भले ही ताउम्र ना-नुकुर करता रहे, मगर भारत में हर आतंकी हमले या आतंकी घुसपैठ में उसका ही हाथ होता है. इसके सबूत शुरुआती जांच में ही मिलने लगते हैं. नगरोटा मुठभेड़ भी इसका अपवाद नहीं है. जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को ढेर करने के बाद सुरक्षा बलों को इतने सबूत मिल चुके हैं, जिन्हें देख एक अंधा भी पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा कर देगा. अब जांच में सामने आया है कि इन सभी आत्मघाती आतंकियों को पाकिस्तान में कमांडो ट्रेनिंग दी गई थी. यही नहीं, मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को 2016 के पठानकोट हमले का मुख्य अभियुक्त कासिम जान हैंडल कर रहा था, जो जैश का ऑपरेशनल कमांडर है. कासिम सीधे मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर को रिपोर्ट करता है.
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30 किमी पैदर चल कर पिकअप प्वाइंट तक पहुंचे थे आतंकी
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के चारों पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में नई जानकारी हाथ लगी है. खुफिया एजेंसियों को खबर लगी है कि मारे गए आतंकी शकरगाह में सांबा सीमा पर जैश के शिविर से 30 किलोमीटर पैदल चले थे. इसके बाद जटवाल स्थित पिकअप प्वाइंट तक पहुंचे थे. बता दें कि सांबा से कठुआ तक का रास्ता 6 किलोमीटर का है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि आतंकवादी रात के अंधेरे में ही भारत में दाखिल हुए थे. एजेंसी के मुताबिक, दक्षिण कश्मीर में कासिम के कई लड़ाके मौजूद हैं जो उसके एक इशारे पर कोई भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं. बता दें कि कासिम भारत में जैश आतंकवादियों के मुख्य लांच कमांडरों में से एक है और उसके आतंकी मुफ्ती रऊफ असगर से सीधे संबंध हैं.
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दर्जनों आत्मघाती गुजरांवाला से घुसपैठ के प्रयास में
खबर के मुताबिक भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को खबर लगी है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को हटाने और तालिबान के पुनरुत्थान के बाद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी तेजी से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हो रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक 14 विशेष रूप से प्रशिक्षित आतंकवादियों को गुजरांवाला के रास्ते भारत में दाखिल करने की कोशिश की जा रही है. अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से कहा, 'अलग-अलग संगठनों के करीब 200 आतंकवादी नियंत्रण रेखा के उस पर लांच पैड्स पर घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं. पता चला है कि अल बद्र ग्रुप फिर से सिर उठा रहा है. साथ ही, लश्कर-ए-मुस्तफा नाम से एक नया आतंकी संगठन खड़ा हो रहा है जिसका प्रमुख हिदायतुल्ला मलिक है. इसके अलावा पाकिस्तान की लश्कर-ए-तैयबा ग्रुप खैबर पख्तुनख्वा के जंगल-मंगल कैंप में 23 आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है.
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सांबा सेक्टर से सीमा पार कर आए थे आतंकी
एक सीनियर ऑफिसर ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय सीमा से पिकअप प्वाइंट की हवाई दूरी 8.7 किमी है और जैश का शाकरगाह कैंप जटवाल से 30 किमी की दूरी पर है. आतंकी संभवतः सांबा सेक्टर के मावा गांव में सीमा पार कर आए थे जो रामगढ़ और हीरानगर सेक्टर के बीच है. नौनथ नाला के पास कई कच्ची सड़के हैं और पिक प्वाइंट से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाती हैं. नौनथ नाला पाकिस्तान के चक जैमल गांव के बिन नाला में मिल जाता है. संभवतः आतंकियों ने 2.5 से तीन घंटे की यह दूरी पैदल ही तय की. अभी तक की जांच से पता चला है कि चारों आतंकी संभवतः 2.30 से 3 बजे रात ट्रक में बैठे. जेके01एएल 1055 नंबर का ट्रक जम्मू की तरफ जाते हुए 3.44 बजे सरोर टोल प्लाजा के पार हुआ. उसके बाद ट्रक नरवाल बाइपास से कश्मीर की तरफ मुड़ गया और बान टोल प्लाजा पर 4.45 बजे सुरक्षा बलों ने इसे धर दबोचा.
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