राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के आह्वान पर शनिवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलवामा के तीन शहीदों की विधवाओं के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार के विरोध में धरना दिया।
प्रदर्शन में पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, सांसद घनश्याम तिवारी सहित कई अन्य शामिल हुए। करीब ढाई घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पूनिया समेत भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी। बाद में उन्हें विद्याधर नगर थाने से रिहा कर दिया गया।
हालांकि, विरोध के दौरान भाजपा के भीतर गुटबाजी एक बार फिर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों के साथ सामने आई, जिन्होंने सतीश पूनिया हाई हाई का नारा लगाया, जिसका मुकाबला पूनिया खेमे ने किया, जिसने पूनिया जिंदाबाद का नारा लगाया। मीणा के समर्थक इस बात से नाखुश हैं कि प्रदेश भाजपा ने पुलवामा के शहीदों की विधवाओं के समर्थन में उनके विरोध का अच्छे से समर्थन नहीं किया।
पुलवामा के शहीदों की पत्नियां - मंजू जाट, सुंदरी देवी, मधुबाला मीणा - पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस नेता सचिन पायलट के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। हालांकि, गुरुवार तड़के तीन बजे पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती धरना स्थल से हटा दिया और एंबुलेंस से उनके गांव ले गए।
मंजू जाट और सुंदरी देवी अपने-अपने करीबी रिश्तेदार के लिए सरकारी नौकरी की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार का तर्क है कि ऐसे परिजनों को सरकारी नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं है। मधुबाला की मांग है कि कोटा के सांगोद चौराहे पर उनके पति की प्रतिमा लगाई जाए।
पुलवामा के शहीदों की विधवाएं अपने साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रही हैं।
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Source : IANS