जैन मुनि तरुण सागर का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। मंदिर से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, "वे पिछले कई दिनों से पीलिया व अन्य बीमारी से ग्रस्त थे, उन्होंने यहां राधेपुरी मंदिर में तड़के करीब 3 बजे अंतिम सांस ली।" उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है।
कोविंद ने ट्वीट कर कहा, " 'कड़वे प्रवचन' के लिए प्रसिद्ध जैनमुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं। उन्होंने समाज में शांति और अहिंसा का संदेश फैलाया। हमारे देश ने एक सम्मानीय धार्मिक नेता को खो दिया। उनके अनगिनत शिष्यों के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "जैन मुनि तरुण सागरजी के निधन की खबर सुन गहरा दुख हुआ..हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। उनके प्रवचन हमेशा लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय ओर उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है।"
सागर को इससे पहले दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया और कहा कि वह प्रेरणा के श्रोत थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मुझे उनके असामयिक निधन की खबर सुनकर दुख पहुंचा है। उनके प्रवचन और आदर्श हमेशा मानवता को प्रेरित करेंगे।"
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उनका जन्म मध्यप्रदेश के दमोह जिले में 26 जून 1967 को हुआ था।
Source : IANS