मध्यप्रदेश के एक जैन दंपति ने अपनी 100 करोड़ की संपत्ति और 3 साल की बेटी का त्याग कर मुनि बनने का फैसला किया है। राज्य के नीमच के सुमित राठौर और उनकी पत्नी अनामिका 23 सितंबर को गुजरात के सूरत में सुधामरगी जैन अचार्य रामलाल महराज के सानिध्य में दीक्षा लेंगे।
राजनीतिक और बिजनेस वर्ग में प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखने वाले इस दंपति के फैसले से उनके परिवार और शहर के लोग अचंभित है। सभी की जबान पर एक ही सवाल है कि उनकी 3 साल की बेटी इभाया का क्या होगा?
हालांकि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाअध्यक्ष और अनामिका के पिता अशोक चांडालिया ने कहा,' मैं अपनी नातिन की जिम्मेदारी उठाऊंगा।' उन्होंने अपनी बेटी और दामाद के फैसले के बारे में कहा कि उन्हें समझाया नहीं जा सकता है। उन्होंने आगे कहा,' हमारे पास उनके धार्मिक तर्क का कोई जवाब नहीं है इसलिए हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं। धर्म के बीच में कोई नहीं आ सकता है।'
सुमित के पिता राजेंद्र सिंह राठौर ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया है। राठौर कई सीमेंट कंपनियों के मालिक है। उन्होंने कहा,' हमें इसकी उम्मीद थी, पर इतनी जल्दी नहीं।'
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सुमित और अनामिका का फैसला उनके प्रियजनों के लिए बिल्कुल आश्चर्यचकित करने वाला नहीं था क्योंकि उन्होंने मुनि बनने का इरादा इबाया के 8 महीने की होने पर ही बताया दिया था और तैयारी के रूप में दोनों अलग रहने लगे थे।
सुमित ने दीक्षा लेने का अंतिम फैसला 22 अगस्त को सूरत के समारोह में किया था। अचार्य ने इस बारे में अनामिका की अनुमति लेने के लिए कहा था। अनामिका इसके लिए तैयार भी हो गई और खुद भी दीक्षा लेने की इच्छा जताई। उनके परिवार वालों ने पहले दोनों को मनाने का प्रयास किया, हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली।
चार साल पहले शादी करने वाले सुमित और अनामिका ने दीक्षा लेने तक मौन व्रत धारण किया हुआ है।
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HIGHLIGHTS
- 100 करोड़ की संपत्ति के मालिक जैन दंपति ने लिया मुनि बनने का फैसला
- 23 सितंबर को गुजरात के सूरत में सुधामरगी जैन अचार्य रामलाल महराज के सानिध्य में दीक्षा लेंगे
Source : News Nation Bureau