अंबेडकर नगर जिला जेल के जेलर और वार्डर पर एक विचाराधीन विचाराधीन 40 वर्षीय राम सागर की हत्या का मामला दर्ज किया गया है, जो एक अगस्त को मृत पाया गया था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की पुष्टि के बाद जेल कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी कि 5 जुलाई से लूट और हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद राम सागर की सिर में चोट लगने से मौत हो गई थी।
अस्पताल के कर्मचारियों ने शुरू में दावा किया था कि राम सागर की बीमारी से मौत हुई है।
राम सागर के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई लिखित शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी सैमुअल पॉल ने शिकायत में उल्लिखित जेल कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
राम सागर की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति की धारदार हथियार से हत्या की गई है।
उसने अपने पत्र में आरोप लगाया था, मेरे पति के सिर पर गहरे घाव पाए गए थे। उनके सिर के पिछले हिस्से से खून निकल रहा था। आंखों में भी चोट थी और दोनों पैरों पर पिटाई के निशान भी मौजूद थे।
अंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक अजीत सिन्हा ने बताया कि कैदी की पत्नी की शिकायत पर जेलर व वार्डर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
जेल अधिकारियों ने बताया कि राम सागर 5 जुलाई को जेल में बंद था। जेल प्रशासन ने दावा किया है कि राम सागर ने एक अगस्त को घबराहट और सीने में दर्द की शिकायत की थी।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उसे आंतरिक अस्पताल ले जाया गया और फिर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूत्रों ने दावा किया कि इस घातक दिन कैदियों के दो समूहों के बीच लड़ाई हुई थी।
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Source : IANS