उत्तर प्रदेश के बागपत की एक स्थानीय अदालत ने एक मौलवी मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश पुलिस की 49 वर्षीय हेड कांस्टेबल के साथ दुष्कर्म करने और उसे ब्लैकमेल करने का दोषी करार दिया है।
अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है और दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने कहा कि दोषी ने जानबूझ कर एक असहाय दलित महिला को तंत्र के माध्यम से बुराई को दूर करने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया और न केवल उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया बल्कि उसे आर्थिक रूप से भी कंगाल कर दिया। यह जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है और वह मानवता के लिए खतरा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला के 17 साल के बेटे का 2018 में एक्सीडेंट हो गया था और इलाज के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।
किसी ने उसे मौलवी से मिलवाया, जिसने दावा किया कि लड़के में बुरी आत्मा है और वह बुरी आत्मा को भगा देगा।
उसे उस पर विश्वास हो गया और इलाज की प्रक्रिया के दौरान जुबैर ने महिला के साथ दुष्कर्म किया।
अक्टूबर 2019 में महिला ने मौलवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
महिला के पति की मौत हो चुकी है। वह उत्तर प्रदेश पुलिस में था। महिला को चार साल बाद आश्रित श्रेणी के तहत एक कांस्टेबल की नौकरी मिल गई।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS