मध्य प्रदेश के जेलों में बंदी से मुलाकात करने वालों को मुलाकाती कक्ष तक मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है, मगर ग्वालियर के केंद्रीय जेल के एक बंदी के साथ मुलाकातियों की सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसे सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक माना जा रहा है। जेल अधीक्षक मनोज साहू ने जांच करा रहे है।
कोरोना महामारी के चलते जेल में भी तय गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है। जिस कक्ष में बंदी और मुलाकातियों की मुलाकात कराई जाती है, उसमें दोनों के बीच कांच की दीवार होती है। ग्वालियर के केंद्रीय जेल में एक शराब कारोबारी के बेटा अनिकेत शिवहरे बंद है। बीते दिनों उससे मुलाकात करने कुछ युवक पहुंचे। मुलाकात के तय नियमों के मुताबिक मुलाकात कराई गई, कांच के दोनों ओर उन्हें खड़ा कर बात कराई गई।
इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अनिकेत अपने साथियों के साथ है, एक तरफ मुलाकात करने वाले है तो दूसरी तरफ अनिकेत है। साफ नजर आ रहा है कि सभी जेल के भीतर मुलाकात कक्ष में है।
जेल में मुलाकात कक्ष तक मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है, इसके लिए मुलाकाती की तलाशी ली जाती है, फिर सवाल उठ रहा है कि जेल के मुलाकात कक्ष तक मोबाइल पहुंचा कैसे, इतना ही नहीं मुलाकात के दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद रहता है तो क्या फिर उस सुरक्षाकर्मी या जेल प्रहरी ने भी नहीं देखा कि कोई मोबाइल से फोटो उतार रहा है, वीडियो बना रहा है।
जेल में बंद अनिकेत से मुलाकात करने गए युवाओं में से ही एक ने सोशल मीडिया पर मुलाकात का वीडियो और तस्वीरें साझा की। इस मामले के सामने आने के बाद जेल प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुलाकात कक्ष में एक जेल प्रहरी या सुरक्षाकर्मी नहीं, बल्कि तीन कर्मचारियों की तैनाती रहती हैं।
जेल अधीक्षक मनेाज साहू ने वीडियो और फोटो वायरल होने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, यह एक गंभीर लापरवाही है। आखिरकार अंदर मोबाइल कैसे पहुंचा। इस मामले की जांच करा रहा हूं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS