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'जय भीम मॉडल' बनेगा दक्षिण भारत में बसपा का सियासी स्ट्रोक, आकाश आनंद संभालेंगे कमान

उत्तर प्रदेश की सियासत में दलित-मुस्लिम, ब्राह्मण कार्ड के जरिये यूपी की गद्दी पर 4 बार बतौर सीएम काबिज़ रहने वाली आयरन लेडी मायावती अब दक्षिण भारत में जय भीम मॉडल के जरिये अपनी सियासत को मजबूत करने जा रही है

Updated on: 26 Aug 2022, 02:42 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की सियासत में दलित-मुस्लिम, ब्राह्मण कार्ड के जरिये यूपी की गद्दी पर 4 बार बतौर सीएम काबिज़ रहने वाली आयरन लेडी मायावती अब दक्षिण भारत में जय भीम मॉडल के जरिये अपनी सियासत को मजबूत करने जा रही है. भले ही बसपा ने बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के साथ-साथ पंजाब में चुनावी हार देखी हो लेकिन दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम पंच के जरिये अपनी चुनावी चौसर बिछाने वाली मायावती का अगला टारगेट यूथ आरिएंटेड रणनीति होगा. आपको बता दें कि मायावती ने युवाओं पर फोकस कर अपना सियासी रूतबा बढ़ाने के लिए अब दक्षिण का रुख किया है. पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए मायावती ने अपने भतीजे और पार्टी के  नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद को फ्रंटफुट पर बैटिंग करने के लिए पहली बार दक्षिण में उतारकर पार्टी में नई एनर्जी का प्लान  बनाया है. गौरतलब है कि आकाश आनंद पहली बार चेन्नई से एक बड़ी यूथ कांफ्रेंस का आगाज करने जा रहे हैं. 


सामाजिक-आर्थिक हिस्सेदारी को मिलेगी धार


बहुजन समाज पार्टी ( बसपा ) के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद 27 अगस्त को चेन्नई में युथ कांफ्रेस को संबोधित करेंगे. युथ कांफ्रेंस के जरिये पार्टी के जय भीम मॉडल पर फोकस किया जाएगा. आकाश आनंद युवाओं के बीच दलित समाज की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी को लेकर पार्टी की विचारधारा को धार देंगे.


दिल्ली में मायावती का सियासी मंथन


विधानसभा चुनाव  अपेक्षित परिणाम न मिलने पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती धुआंधार बैठकें कर समीक्षा कर रही हैं. बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले यूपी की समीक्षा बैठक कर संगठन में बड़ा बदलाव किया.  बहनजी ने कई पदों को खत्म कर बूथ लेवल से लेकर जोनल स्तर तक नए सिरे से संगठन खड़ा करने के निर्देश दिए. इसके बाद जुलाई में मायावती ने दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर बीते जुलाई माह में ही 20 से ज्यादा राज्यों की समीक्षा कर सियासी रणनीति को धार दी.