बंगाल : राज्यपाल-निर्वाचन आयुक्त की बैठक बेनतीजा, कोलकाता निकाय चुनाव पर संकट

बंगाल : राज्यपाल-निर्वाचन आयुक्त की बैठक बेनतीजा, कोलकाता निकाय चुनाव पर संकट

बंगाल : राज्यपाल-निर्वाचन आयुक्त की बैठक बेनतीजा, कोलकाता निकाय चुनाव पर संकट

author-image
IANS
New Update
Jagdeep Dhankhar

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

निकाय चुनावों को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की राज्य के निर्वाचन आयुक्त सौरव दास के साथ बैठक मंगलवार को बेनतीजा रही। राज्यपाल चाहते हैं कि राज्य की सभी नगर पालिकाओं में एक साथ चुनाव हो, जबकि निर्वाचन आयुक्त चाहते हैं पहले कोलकाता और हावड़ा नगर निगम के लिए चुनाव कराए जाएं, बाद में अन्य नगर पालिकाओं के लिए। इन दोनों निगमों के चुनाव पर अब संकट नजर आ रहा है।

Advertisment

राज्यपाल ने दास के साथ एक घंटे लंबी बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा, श्री सौरव दास को आगाह किया कि एसईसीए राज्य सरकार की आधिकारिक अग्रणी संस्था है और इसका केवल कार्यकारी एजेंसी बनकर रह जाना संविधान का अपमान होगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी हानिकारक होगा। यह संवैधानिक प्रावधानों के सार और भावना को खत्म कर देगा। इस बयान से संकेत मिलता है कि राज्यपाल सभी नगर पालिकाओं में एक साथ चुनाव कराने के लिए विपक्ष की सहमति से निर्णय लेंगे।

तुरंत बाद, राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पुष्टि की कि आयोग मंगलवार को चुनाव की घोषणा नहीं करने जा रहा है, जिससे आयोग और राज्य सरकार के लिए 19 दिसंबर को चुनाव कराना मुश्किल हो जाएगा।

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राज्यपाल की सहमति के बिना आयोग चुनाव नहीं करा सकता। अगर हम गुरुवार से पहले किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते हैं तो 19 दिसंबर को चुनाव कराना हमारे लिए असंभव होगा और ऐसे में चुनाव को अगले साल तक के लिए टालना होगा।

अधिकारी संविधान के अनुच्छेद 243के का जिक्र कर रहे थे, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है : राज्य के राज्यपाल, राज्य चुनाव आयोग द्वारा अनुरोध किए जाने पर आयोग को ऐसे कर्मचारी उपलब्ध कराएंगे जो उनके दायित्व निर्वहन के लिए आवश्यक हो सकते हैं।

राज्यपाल ने तुरंत अपने ट्विटर हैंडल पर दास को लिखा एक पत्र अपलोड किया, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 243जेडए (पहले से ही अनुच्छेद 243के में संदर्भित) का उल्लेख किया गया है, जिसमें एसईसी के कर्तव्यों में निर्वाचक नामावली की तैयारी के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का दायित्व निहित होना बताया गया है।

राज्यपाल ने कड़ा रुख अपनाते हुए लिखा, जैसा कि पहले ही संकेत दिया गया है, मुझे कई इनपुट मिले हैं जो संकेत देते हैं कि राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) अपने संवैधानिक जनादेश और अधिकार का त्याग कर रहा है, राज्य सरकार की लाइन पर चल रहा है।

इस प्रकार, उभरता हुआ संवैधानिक जनादेश यह है कि नगर पालिकाओं के चुनाव के संबंध में निर्वाचक नामावली की तैयारी का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण और सभी चुनावों का संचालन विशेष रूप से एसईसी में निहित है और इसके स्वतंत्र रूप से कार्य करने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, यदि एसईसी को राज्य सरकार की लाइन पर चलना है और वह केवल उसकी कार्यकारी एजेंसी है, जो खुद को राज्य सरकार के विस्तार के रूप में मानती थी, तो यह संविधान का अपमान होगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी हानिकारक होगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment