हीराखंड एक्सप्रेस के हादसे पर भारतीय रेलवे ने पटरियों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्हें संदेह है कि माओवाद प्रभावित इस इलाके में हादसे के पीछे नक्सलियों का हाथ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे की तरफ से कहा गया है, 'रेल की पटरियों के साथ छेड़छाड़ के संकेत मिल रहे है। यह माओवाद प्रभावित इलाका है और 26 जनवरी नजदीक है। ऐसे में साफ लगता है कि ट्रेक के साथ छेड़छाड़ की गई है।'
रेलवे सुरक्षा आयुक्त इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच दल का गठन करेंगे। सूत्रो की माने तो एक मालगाड़ी उसी पटरी से कुछ देर पहले गुजरी थी। ड्राइवर का कहना है कि उसने जोड़़ से कोई आवाज सुना थी जैसे ट्रैक पर कोई पटाखा फटा हो।
जगदलपुर से भुवनेश्वर जाने वाली हीराखंड एक्सप्रेस की 8 बोगियां शनिवार रात करीब साढ़े 11 बजे पटरी से उतर गई। इसमें कम से कम 32 यात्रियों के मारे जाने की खबर है। रायगढ़ की कलेक्टर पूनम गुहा ने यह जानकारी दी है। वहीं, हादसे में घायलों की संख्या आधिकारिक तौर पर 50 बताई जा रही है। हालांकि अपुष्ट खबरों के मुताबिक 200 से ज्यादा यात्री इसमें घायल हुए हैं।
इससे पहले नवंबर में कानपुर में हुए ट्रेन हादसे में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा साजिश रचे जाने की बात सामने आ चुकी है। बिहार के मोतिहारी में गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने कबूल किया है कि कानपुर में ट्रेन हादसे की साजिश रची गई।