भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)के जवानों ने 18,000 फीट की ऊंचाई पर एक साहसिक अभियान में गुरुवार को पश्चिम बंगाल के दो ट्रैकर्स के शवों को निकाला, जिनकी इस सप्ताह हिमाचल प्रदेश की पिन वैली में मौत हो गई थी और उनको स्ट्रेचर पर 32 किमी की दूरी तय कर बेस कैंप ले आये थे।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट मोहन दत्त ने मीडिया को बताया कि यहां से करीब 320 किलोमीटर दूर काजा में शवों को नागरिक प्रशासन को सौंप दिया गया था।
उनके द्वारा चार कुलियों को भी निकाला गया था। डोगरा स्काउट्स के जवान भी बचाव अभियान में शामिल थे।
लाहौल-स्पीति जिले के खेमेंगर ग्लेशियर में कोलकाता के अरेटे माउंटेनियरिंग क्लब के 6 ट्रेकर्स की एक टीम, एक गाइड और 11 पोर्टर्स के साथ फंसी हुई थी। एक दिन पहले आईटीबीपी ने टीम के 11 सदस्यों को रेस्क्यू किया था।
मृतकों की पहचान कोलकाता के रहने वाले भास्करदेव मुखोपाध्याय और संदीप कुमार ठाकुरता के रूप में हुई है।
ट्रांस-हिमालयी बौद्ध बहुल स्पीति में मठों का एक समृद्ध खजाना है। यह ना केवल प्रकृति-आधारित गतिविधियों के लिए बल्कि ताबो जैसे प्राचीन मठों की खोज के लिए भी दुनिया भर में घूमने वालों को आकर्षित करता है, जो 1,000 साल से अधिक पुराना है।
मुख्य रूप से आदिवासियों की आबादी वाला पूरा इलाका साल में 6 महीने से अधिक समय तक बर्फ के कारण देश के बाकी हिस्सों से कटा रहता है।
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Source : IANS