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गांधी के विचारों और खादी को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी : तारकिशोर

गांधी के विचारों और खादी को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी : तारकिशोर

Updated on: 02 Oct 2021, 10:05 PM

पटना:

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि महात्मा गांधी के विचारों और खादी को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गांधी और खादी आज संस्थागत रूप से हमारे दिलों में बसे हुए हैं।

बिहार ललित कला अकादमी के बहुउद्देशीय सांस्कृतिक परिसर में महात्मा गांधी के जीवन एवं आजादी का अमृत महोत्सव पर आयोजित तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी सह खादी मेले का उद्घाटन करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की धरती ने गांधी जी के लिए प्रक्षेपण मंच का काम किया।

उन्होंने कहा कि चंपारण की धरती से गांधी जी का जो अभियान चला, वह आगे चलकर संपूर्ण भारत की आजादी का सबब बना। उन्होंने जो हथियार हमें दिए हैं, वह दिखाई तो नहीं देते, क्योंकि उनका भौतिक स्वरूप नहीं है।

उन्होंने कहा, गांधी जी के द्वारा दिए गए सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह जैसे अभौतिक हथियारों के बारे में आने वाली पीढ़ी को विश्वास नहीं होगा, लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि पीढ़ी दर पीढ़ी गांधी जी के विचारों, संदेशों और दर्शन को सहेजकर रखें एवं युवा पीढ़ी को इसके विषय में बताएं।

उन्होंने कहा कि यदि हम आने वाले भारत को स्वर्णिम भारत बनाना चाहते हैं, तो युवाओं और नई पीढ़ी को अपनी आदतों में गांधी जी के विचारों को शामिल करना होगा।

भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 वें वर्ष को एक स्वरूप दिया है, जिसके तहत हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और गांधी के बलिदान, जीवन दर्शन, खादी एवं स्वच्छता को देशव्यापी बनाने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि गांधीजी के ऊपर लगाई गई ऐसी प्रदर्शनी को देखकर सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के स्कूलों में ऐसे प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने गांधी जी के विचारों एवं दर्शन पर आधारित लेजर शो के आयोजन की भी आवश्यकता बताई।

इस प्रदर्शनी में महात्मा गांधी के प्रारंभिक जीवन, दक्षिण अफ्रीका प्रवास, खेड़ा सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, पूर्ण स्वराज की मांग, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, राजनीतिक अस्त्र के रूप में सत्याग्रह, द्वितीय गोलमेज सम्मेलन, सेवाग्राम आश्रम की स्थापना सहित महात्मा गांधी के विचारों एवं दर्शन को चित्र के माध्यम से रोचक एवं आकर्षक रूप से प्रस्तुत किया गया है।

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