कमलनाथ के भांजे के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े तार, IT ने जब्त किए 254 करोड़ रुपये के ‘बेनामी शेयर’

रतुल पहले से कर अपवंचना और धन शोधन के आरोपों में कर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं.

रतुल पहले से कर अपवंचना और धन शोधन के आरोपों में कर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
कमलनाथ के भांजे के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े तार, IT ने जब्त किए 254 करोड़ रुपये के ‘बेनामी शेयर’

रतुल पुरी (फाइल)

आयकर विभाग ने रतुल पुरी के 254 करोड़ रुपये मूल्य के ‘बेनामी शेयर’ जब्त किए हैं. उन्हें यह शेयर कथित तौर पर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले के एक संदिग्ध से फर्जी कंपनी के माध्यम से प्राप्त हुए. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. रतुल पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन हैं. रतुल पहले से कर अपवंचना और धन शोधन के आरोपों में कर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं. अधिकारियों ने बताया कि बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अधिनियम की धारा 24(3) के तहत विभाग के दिल्ली स्थित कार्यालय ने इन शेयर या ‘गैर-संचयी अनिवार्य तौर पर परिवर्तनीय प्राथमिकता शेयर’ (सीसीपीएस) को जब्त करने का अस्थायी आदेश जारी किया. 

Advertisment

यह राशि ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के तौर पर स्वीकार की गयी. ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर का संबंध रतुल पुरी के पिता दीपक पुरी द्वारा प्रवर्तित कंपनी मोजर बेयर से है. आयकर विभाग का आरोप है कि 254 करोड़ रुपये का निवेश समूह की एक अन्य कंपनी एचईपीसीएल द्वारा सौर पैनलों के आयात का अधिक बिल दिखाकर किया गया. इसके लिए दुबई के राजीव सक्सेना की एक कागजी कंपनी की मदद ली गयी. सक्सेना अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी है. उसे जनवरी में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में सक्सेना को गिरफ्तार कर चुका है. जबकि रतुल पुरी से मामले में पूछताछ चल रही है.

यह भी पढ़ें- खुशखबरी, अब सरकारी अस्पतालों में शाम को भी मिलेगी ओपीडी सुविधा  

अधिकारियों ने बताया कि रतुल पुरी को इन बेनामी शेयरों का लाभ प्राप्त हुआ और उन पर उपयुक्त कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि इन बेनामी शेयर और अवैध कोष को सक्सेना ने रतुल पुरी की ओर से तीसरे पक्ष द्वारा भेजी जाने वाली राशि के तौर पर प्राप्त किया. बाद में इसे मॉरीशस स्थित एक मुखौटा कंपनी रिजेल पावर लिमिटेड के माध्यम से वापस भारत भेज दिया गया. बाद में ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेशित 254 करोड़ रुपये के शेयरों को ‘तत्काल’ समूह की अन्य कंपनी यूनोकॉन इंफ्राडेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में हस्तांतरित कर दिया गया.जांच के तहत विभाग ने यूनोकॉन इंफ्राडेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में किए गए निवेश को भी जब्त कर लिया है.

यह भी पढ़ें-रेलवे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, नौकरियों में कटौती रेलवे ने किया खंडन

बेनामी संपत्तियां उन्हें कहा जाता है जिनकी खरीद मूल लाभार्थी के स्थान पर किसी और के नाम से की जाती है. बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अधिनियम 1988 में बना था लेकिन इसे नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अधिसूचित किया. इसका उल्लंघन करने वालों को सात साल तक सश्रम कारावास की सजा और संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के 25 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जाता है. आयकर विभाग ने रतुल और दीपक पुरी की कंपनियों और प्रतिष्ठानों पर इस साल अप्रैल में छापेमारी की थी.

यह भी पढ़ें- सीजफायर उल्लंघन में एक जवान शहीद, 2 पाक सैनिक ढेर कर भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

HIGHLIGHTS

  • रतुल पुरी के 254 करोड़ के बेनामी शेयर जब्त
  • आयकर विभाग ने रतुल पुरी पर की बड़ी कार्रवाई
  • रतुल के ऑगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े हैं तार

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Ratul Puri Augusta Chopper Deal Augusta west land Scam IT Kamal Naths nephew Ratul Puri IT dept attaches Rs 254 crore worth of benami equity of Ratul puri
      
Advertisment