भारत का ताकतवर उपग्रह प्रक्षेपण रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 को लॉन्च होने के लिए तैयार है। आज शाम 5:28 बजे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से इसरो द्वारा लॉन्च किये जाने वाला भारी भरकम जीएसएलवी मार्क-3 को गेम चेंजर मिशन के तौर पर देखा जा रहा है। यह रॉकेट भौगोलिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) तक चार टन वजन ढोने में सक्षम है।
जानिए लॉन्च के लिए तैयार भारत के ताकतवर और भारी भरकम रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से जुड़ी ख़ास बातों के बारे में:
- जीएसएलवी मार्क-3 200 एशियाई हाथियों के वजन के बराबर होगा। इस रॉकेट से इसरो भविष्य में भारतीयों को अंतरिक्ष में ले जा सकेगा।
- जीएसएलवी मार्क-3 को बनने में करीब 15 साल का समय लगा और इस रॉकेट के बनने की लागत करीब 300 करोड़ रूपये है।
- जीएसएलवी मार्क-3 लॉन्च करने के लिए उच्च गति वाले क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। करीब 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह क्रायोजेनिक इंजन बनाया था।
- इस ताकतवर और विशाल रॉकेट की ऊंचाई किसी 13 मंजिली इमारत के बराबर है और यह चार टन तक के उपग्रह लॉन्च कर सकता है।
- इसरो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भजने के लिए केंद्र से 12,500 करोड़ की मांग कर रहा है। अगर सरकार राजी हो जाती है तो सात साल बाद इसरो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भजने में कामयाब हो जाएगा।
- रॉकेट संचार उपग्रह जीसैट-19 को ले जाएगा जिसका वजन 3,136 किलोग्राम है।
- 640 टन वजनी जीएसएलवी मार्क-3 पूरी तरह स्वदेशी है। इस ताकतवर रॉकेट को भारत में बनाया गया है।
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Source : News Nation Bureau