साल 2018 में इसरो एक और तरक्की की कहानी लिखने की तैयारी में है। भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च अनुंधान यानि इसरो 2018 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च करेगा। इस मिशन की सफलता के लिए वैज्ञानिकों की टीम ख़ासा तैयारियों में जुटी हुई है।
मिशन के तह्त इसरो चंद्रमा की सतह पर भारतीय स्पेसक्राफ्ट की सफलतापूर्वक लैंडिंग करवाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अगले साल की शुरुआत में ही इसकी कोशिश की जा सकती है।
यह जानकारी इसरो अध्यक्ष ने वेल्स यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में आयोजित सेमिनार के दौरान दी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए इसरो एक ऐसा इंजन विकसित कर रहा है, इसके जिसके जरिए नियंत्रित तरीके से लैंडिंग करवाई जा सकती है और इसरो की टीम इसका अभ्यास कर रही है।
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इसके लिए इसरो चंद्रमा की सतह जैसी आकृति और वातावरण बनाकर प्रयोग कर रहा है। इसरो के तिरुनलेवेली स्थित महेन्द्रगिरि वाले लैब में काम चल रहा है। वहां ग्राउंड टेस्ट भी किए जा रहे हैं। इसके अलावा बेंगलुरु के चित्रदुर्ग में भी ग्राउंड टेस्टिंग की जा रही है।
कुमार ने बताया कि ऑरबिटर, लैंडर और रोवर कॉन्फिगरेसन चंद्रयान 2 का हिस्सा है। यह लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और वहां छह फीट के रोवर को सफलतापूर्वक उतारा जाएगा। इससे पहले इसरो चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है।
चंद्रयान-1, भारत का पहला चंद्र मिशन था। इसे एसडीएससी, शार, श्रीहरिकोटा से 22 अक्तूबर, 2008 को भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यान चंद्र के रासायनिक, खनिजीय और प्रकाश-भौमिकी मानचित्रण के लिए चंद्र सतह से 100 कि.मी. की ऊँचाई पर चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा था
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Source : News Nation Bureau